पद छोड़ना चाहते हैं अटार्नी जनरल, प्राइवेट प्रैक्टिस का मन

attorney general mukul rohatgi Want to return to private practice
पद छोड़ना चाहते हैं अटार्नी जनरल, प्राइवेट प्रैक्टिस का मन
पद छोड़ना चाहते हैं अटार्नी जनरल, प्राइवेट प्रैक्टिस का मन

टीम डिजिटल, नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े लॉ ऑफीसर यानि अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सरकार से पत्र लिखकर दरख्वास्त की है कि उन्हें दोबारा इस पद पर न रखा जाए. एक खबरिया एजेंसी की मानें तो इसके बाबत उन्होंने उसे एक पत्र प्रेषित किया है. वो अब प्राइवेट प्रैक्टिस पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. बता दें कि रोहतगी तीन साल से देश के अटॉर्नी जनरल हैं. इस महीने की शुरुआत में ही सरकार ने रोहतगी का समय अगले ऑर्डर तक के लिए बढ़ाया था.

पत्र की प्रमुख बातें  

  • मैं दोबारा कार्यकाल बढ़ाना नहीं चाहता
  • अपना वक्त प्राइवेट प्रैक्टिस को देने कि इच्छा
  • सरकार ने 2014 में बनाया था अटॉर्नी जनरल
  • उनका तीन साल का टर्म भी पूरा हो चुका है

 अहम माममें जिनमें दी दलीलें : रोहतगी ने एनजेएसी मेत कई अहम मामलों में सरकार की तरफ से पैरवी की. इनमें ट्रिपल तलाक का भी मुद्दा है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाने वाला है. इसके अलावा बेस्ट बेकरी और जाहिरा केस में भी रोहतगी ने ही गुजरात सरकार की पैरवी की थी. 2012 में इटली के दो मरीन्स ने केरल के समुद्री इलाके में दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में रोहतगी ने इटली सरकार की तरफ से पैरवी की थी. टू जी स्कैम में भी वो बड़े कॉर्पोरेट घरानों के तरफ से दलीलें पेश कर चुके हैं.

कौन हैं रोहतगी : रोहतगी दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अवध बिहारी रोहतगी के बेटे हैं. 2002 के गुजरात दंगों में वो गुजरात सरकार की तरफ से पैरवी भी कर चुके हैं.

 

 

Created On :   11 Jun 2017 5:07 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story