नागपुर के नेक्स्ट टेक एग्जाम सेंटर पर फिर से होगी आयुर्वेद प्रवेश परीक्षा

Ayurvedic entrance examination will be done at next Tech Examination center in Nagpur
नागपुर के नेक्स्ट टेक एग्जाम सेंटर पर फिर से होगी आयुर्वेद प्रवेश परीक्षा
नागपुर के नेक्स्ट टेक एग्जाम सेंटर पर फिर से होगी आयुर्वेद प्रवेश परीक्षा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आयुष मंत्रालय और आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेदा ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच को जानकारी दी कि वे नागपुर के जरीपटका स्थित नेक्स्ट टेक परीक्षा केंद्र पर फिर से आयुर्वेद पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स की प्रवेश परीक्षा दो हफ़्तों के भीतर लेंगे| इसके बाद हाइकोर्ट ने उन्हें देश भर के बाकी परीक्षा केंद्रों पर 24 जून को ली गई इस परीक्षा के परिणाम जारी करने की अनुमति दी है| हाइकोर्ट ने बीते गुरुवार को हुई सुनवाई में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (AIIA) से पूछा था कि वे नागपुर के नेक्स्टटेक परीक्षा केंद्र पर फिर से ऑल इंडिया आयुष पोस्ट ग्रेजुएट एंट्रेंस टेस्ट लेने को तैयार है या नहीं।

24 जून को हुई इस परीक्षा में शामिल होने वाले कई विद्यार्थियों ने केंद्र पर सामूहिक नकल होने का आरोप लगाया। इसी विषय पर नागपुर बेंच में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनुप ढोरे ने कोर्ट को बताया कि AIIA ने नोयडा की सिफी कंपनी से करार किया था। इसके अनुसार परीक्षा केंद्र के CCTV सर्विलेंस की जिम्मेदारी भी शामिल थी। मगर नागपुर के इस परीक्षा केंद्र की आधी-अधूरी CCTV फुटेज कोर्ट में प्रस्तुत की गई। इधर AIIA ने नेक्स्टटेक को CCTV फुटेज सुरक्षित रखने का जिम्मेदार बताया, साथ ही फुटेज में यहां वहां घूमते दिख रहे विद्यार्थियों को पहचान कर उनपर कार्रवाई की तैयारी दिखाई है। वहीं नेक्टटेक ने अपने शपथपत्र में कोर्ट को बताया कि उनके केंद्र की CCTV फुटेज वाली हार्डडिस्क ही एन वक्त पर करप्ट हो गई। एक निजी सॉफ्टवेयर कंपनी की मदद से उन्होंने जो फुटेज रिकवर किए, वही कोर्ट में प्रस्तुत किए। यही कारण भी था कि वे निरंतर फुटेज कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर पाए।

क्या है मामला
याचिकाकर्ता शहर के विविध चिकित्सा महाविद्यालयों के बीएएमएस के विद्यार्थी हैं। विद्यार्थियों के अनुसार वे 24 जून को उक्त परीक्षा केंद्र पर आयुर्वेद एमडी और एमएस पाठ्यक्रम की परीक्षा देने गए थे। परीक्षा प्रमुख, पर्यवेक्षक और निरीक्षकों की देखरेख मे यह परीक्षा हुई, लेकिन इस परीक्षा पर किसी का भी कोई नियंत्रण नहीं था। लिहाजा अनेक विद्यार्थियों ने एक-दूसरे से चर्चा कर प्रश्न हल किए। यह पूरा माजरा केंद्र में लगे CCTV कैमेरों मंे कैद हुआ। याचिकाकर्ता ने मामले में जरीपटका पुलिस थाने में शिकायत भी की, लेकिन अब तक न तो पुलिस ने और न ही आयुष मंत्रालय ने इस मामले में कोई कार्रवाई की, जिसके बाद विद्यार्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी| कोर्ट ने इस याचिका का निपटारा कर दिया है|

Created On :   20 Aug 2018 9:41 AM GMT

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