बजरंग बोले, विराट के 0 और मेरे 80 प्वाइंट फिर भी पुरस्कार के लिए मुझे नहीं चुना, जाऊंगा कोर्ट

Bajrang Punia says if the answer is not found then i will go to the court
बजरंग बोले, विराट के 0 और मेरे 80 प्वाइंट फिर भी पुरस्कार के लिए मुझे नहीं चुना, जाऊंगा कोर्ट
बजरंग बोले, विराट के 0 और मेरे 80 प्वाइंट फिर भी पुरस्कार के लिए मुझे नहीं चुना, जाऊंगा कोर्ट
हाईलाइट
  • उम्मीद है कि मुझे अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ेगा
  • खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मिलेंगे बजरंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खेलों में दिया जाने वाला देश का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न नहीं मिलने से नाराज स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने गुरुवार को सरकार के इस फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है। बजरंग पूनिया इस साल देश के लिए गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और जकार्ता एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीते हैं। भारतीय कुश्ती महासंघ ने बजरंग के इस प्रदर्शन के आधार पर ही उन्हें खेल रत्न के लिए नामांकित किया था। सरकार ने यह पुरस्कार संयुक्त रूप से भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली और वर्ल्ड चैंपियन वैट्लिफ्टर मीराबाई चानू (48 किग्रा) को देने का फैसला किया है।

विराट और चानू से ज्यादा है बजरंग के प्वाइंट

वहीं बजरंग का कहना है की इस साल इस पुरस्कार को अंको के आधार पर दिया जाना था। इस पुरस्कार के लिए पहले कोई अंक प्रणाली नहीं थी लेकिन अब अंक प्रणाली आ गई है और मेरे अंक दोनों खिलाड़ियों से ज्यादा हैं। अंकों के हिसाब से देखा जाए तो विराट कोहली के 0 और चानू के 44 प्वाइंट हैं, जबकि बजरंग के सर्वोधिक 80 प्वाइंट हैं। इस हिसाब से वे इस पुरस्कार के प्रबल दावेदार हैं। 

खेल मंत्री से मिलूंगा

बजरंग ने कहा, ‘मैं इस फैसले से काफी निराश और हैरान हूं। इस वजह से अब मैं खेल मंत्री से मिलूंगा। उन्होंने बताया मेरे मेंटर योगेश्वर दत्त ने खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से बात की है और मिलने के लिए समय लिया है। मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि मेरे प्रदर्शन और मेरी अनदेखी क्यों की गई। 

हकदार नहीं तो मत दो पुरस्कार 

उन्होंने कहा, ‘मैं यह जानना चाहता हूं कि, यह पुरस्कार मुझे मिलना चाहिए या नहीं और में इसका हकदार हूं या नहीं। अगर में इसका हकदार हूं तो ही यह पुरस्कार मुझे मिलना चाहिए। खेल मंत्री इस बात पर सहमत नहीं हुए तो क्या आप कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे इस सवाल पर उन्होंने कहा, "तो फिर यह मेरे लिए आखिरी विकल्प होगा"। मैं इस साल इस पुरस्कार का पूरी तरह से हकदार हूं इसी वजह से मेरा नामांकन भेजा गया था। 

उन्होंने कहा, किसी भी खिलाड़ी के लिए यह बड़ी दुख की बात है की उसे अपने हक के लिए भीख मांगना पड़े और ऐसा करना अच्छा नहीं लगता। लेकिन किसी भी खिलाड़ी के लिए यह बड़ा सम्मान है और पहलवान का करियर काफी अनिश्वित होता है। किसी भी समय लगी चोट करियर खत्म कर सकती है।’ उन्हें लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में देश के लिए किए अपने निरंतर अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए वह इस सम्मान के प्रबल हकदार हैं। उन्होंने बताया कि, इस पुरस्कार के लिए पहले कोई अंक प्रणाली नहीं थी लेकिन अब अंक प्रणाली आ गई है। तो मुझे लगता है कि अब नंबर मेरे हक में हैं। 

इस फैसले से मेरी वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारियों पर भी प्रभाव पड़ा है। यह मेरे लिए करारा झटका था। यह मेरे लिए मुश्किल समय है। मुझे उम्मीद है कि मुझे अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ेगा और मैं अपनी तैयारियों पर ध्यान लगा सकूंगा।’ इस पहलवान ने जोर दिया कि उन्हें हर जगह से पूरा समर्थन मिल रहा है लेकिन उन्होंने कहा कि वह इस मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ को बीच में नहीं लाएंगे। 

विराट और चानू को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार 25 सितंबर को दिया जाएगा। खेल मंत्रालय ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर पुरस्कार विजेताओं की सूची जारी की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों खिलाड़ियों को राष्ट्रपति भवन में देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। कोहली और चानू को मेडल और प्रशस्ति पत्र सहित 7.5 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। बजरंग सरकार के इस फैसले से बेहद नाराज हैं। अब यह पहलवान शुक्रवार को इस मामले पर बात करने के लिए खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मुलाकात करेगा।
 

Created On :   21 Sep 2018 8:10 AM GMT

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