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30 और 31 मई को दो दिनी हड़ताल पर जाएंगे बैंकर्स
डिजिटल डेस्क जबलपुर। सम्मानजनक वेतनमान की मांग केन्द्र सरकार द्वारा ठुकराए जाने से आक्रोशित बैंकर्स ने 30 और 31 मई को दो दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक श्रीवर्धन ने बताया कि केन्द्र सरकार एक ओर बैंकों के निजीकरण की नीतियों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर बैंकर्स के साथ प्रत्येक चार साल में होने वाले वेतन समझौते में मनमानी करते हुए बैंकर्स का वेतनमान केवल 2 प्रतिशत बढ़ाने की बात कर रही है।
इस अप्रिय प्रस्ताव को लेकर यूएफबीयू ने इंडियन बैंक एसोसिएशन से कई दौर की चर्चा की है, लेकिन आईबीए 2 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव के आगे विचार करने को तैयार नहीं है। आईबीए के अड़ियल रवैए को लेकर दो तरफा बातचीत टूट गई है और यूएफबीयू ने सम्मान की लड़ाई लड़ने के लिए इस माह के अंत में 30 और 31 मई को दो दिवसीय हड़ताल कर केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है। इन दोनों दिनों में बैंकों में कोई काम नहीं होगा।
सैलरी और प्रमोशन दोनों को किया दरकिनार
यूएफबीयू के संयोजक श्री नेमा ने बताया कि पिछले वेतन समझौते में केन्द्र सरकार की एजेंसी आईबीए ने वार्ता के बाद 15 प्रतिशत वेतनवृद्धि पर सहमति जताई थी और प्रमोशन के रास्ते खोले थे, लेकिन पिछले चार साल में हालात बद से बदतर होते गए, जिसमें केन्द्र सरकार ने सभी योजनाओं को बैंकों से लिंक कर दिया, जिससे काम चार गुना बढ़ गए, स्टाफ रिटायर होता गया, नोटबंदी में महीनों दिन-रात काम किया, लेकिन अब जब वेतन समझौते की बात सामने आई है तो आईबीए सम्मानजनक प्रस्ताव पेश करने की बजाए खैरात के समान 2 प्रतिशत वेतनवृद्धि की बात कर रहा है।
वहीं प्रमोशन की बात को दरकिनार कर दिया है। केन्द्र सरकार के इस रवैए से देश भर के बैंकर्स में गुस्से और अपमान की लहर है। उन्होंने बताया कि यूएफबीयू की बैठकों के कई दौर गुजरने के बाद अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए यूएफबीयू 30 और 31 मई को बैंकों की काम बंद कर हड़ताल करने जा रहा है।
Created On :   12 May 2018 8:23 AM GMT