बैंकों को ग्लोबल बनाने की सरकारी मंशा, 10 मर्जर और होंगे
टीम डिजिटल, नई दिल्ली. भारत सरकार ने देशभर के 10 छोटे-बड़े बैंकों को मर्ज करने का फैसला लिया है. पहला मर्जर इलाहाबाद बैंक और पीएनबी बैंक का होना तय हुआ है. यह मर्जर 31 जुलाई तक हो सकता है. सरकार ने इसके लिए सारी तैयारियां कर ली हैं. मर्जर की खबर के बाद बुधवार के कारोबार में बैंक शेयरों में खरीददारी बढ़ गई और शेयर बाजार में भी उछाल देखने को मिला. बता दें कि सरकार की योजना देशभर में 5 बिग साइज के ग्लोबल बैंक बनाने की है.
bhaskarhindi.com को आल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि देशभर के बैंकों को मर्ज करके ग्लोबल साइज के 4 से 5 बैंक बनाने की योजना है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ के दबाव में मोदी सरकार ग्लोबल साइज के बैंकों को खड़ा करने की कवायद में है. इससे बैंकिग क्षेत्र के नौ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के नॉन प्रॉफिट एसिट (एनपीए) को जीरो करने की कोशिश है. ज्ञात हो कि एसबीआई हाल ही में हुए मर्जर के बाद दुनिया के 50 बड़े बैंकों में शुमार हो चुका है.
इसके लिए फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली भी कई मौकों पर यह कह चुके हैं कि भारत को ग्लोबल लेवल के 5 से 6 बैंकों की जरूरत है. इनके विलय को लेकर सही वक्त पर फैसला किया जाएगा. एक सीनियर बैंक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है कि मिनिस्ट्री ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने के लिए बाकी सरकारी बैंकों पर भी यह मॉडल लागू करने के बारे में सोच रही है, लेकिन इसका फैसला कुछ तय मानकों को ध्यान में रखकर किया जाएगा, ताकि मर्जर बैंकों को कॉमर्शियली बुरा असर न डाले।
इनका मर्जर सम्भव : इससे पहले भी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 6 बैंकों का मर्जर हो चुका है. इसी दौरान सरकार ने इन 10 बैंकों को मर्ज करने का संकेत मिले थे. सरकार ने कई और पीएसयू बैंकों को मर्ज करने की तैयारी भी कर रखी है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, जिन 6 छोटे बैकों की पहचान हुई है, उनमें यूनाइटेड बैंक, यूको बैंक और यूनियन बैंक शामिल हैं. इन्हें किसी बड़े बैंक में मर्ज किया जा सकता है. बड़े बैंकों में पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा और कैनरा बैंक के नाम हैं, जिनमें छोटे बैंकों का मर्जर किए जाने की योजना है.
Created On :   14 Jun 2017 5:40 PM GMT