मनुष्य की जिव्हा में विराजमान होती हैं देवी सरस्वती, जानें रोचक FACTS

Basant panchmi 2018, Know here amazing Facts About the Goddess Saraswati
मनुष्य की जिव्हा में विराजमान होती हैं देवी सरस्वती, जानें रोचक FACTS
मनुष्य की जिव्हा में विराजमान होती हैं देवी सरस्वती, जानें रोचक FACTS

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बसंत पंचमी पर कितनी कविताएं हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप कुछ पलों के लिए उनकी ही कल्पनाओं में खो जाते हैं। बसंत का मौसम एक अनोखा ही खुशनुमा माहौल लेकर आता है ठिठुरती ठंड के बाद जब बसंत का आगमन होता है तो प्रकृति में अनोखे नजारे देखने मिलने लगते हैं। बसंत के आगमन का एहसास प्रकृति एवं पशु पक्षी स्वयं ही कराने लगते हैं। बसंत में पंचमी का बहुत महत्व है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है, यह दिन वीणावादिनी विद्या की देवी को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ दिन माना जाता है। यहां हम आपको इसी विशेष दिन से जुड़े हुए कुछ तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं...


1. पुराणों में वर्णित है कि सृष्टि के निर्माण के बाद संसार में मौन छाया था, जिसे दूर करने के लिए ब्रम्हदेव ने विष्णुदेव के कहने पर मां सरस्वती की रचना की।

 

2. मां सरस्वती का जन्म ब्रम्हदेव के कमण्डल से जल छिड़कने से हुआ था। ऐसा भी वर्णन मिलता है कि जब मां वीणावादिनी का अवतरण हुआ धरती में कंपन होने लगा था। इसी कंपन और जल की बूंदों से देवी का स्वरूप सामने आया।

 

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3. वीणा जहां संगीत का प्रतीक हैं वहीं इनके श्वेत वस्त्र शांति और प्रसन्नता के। इनके हाथों में ग्रंथ है अर्थात विद्या या ज्ञानदायिनी की कृपा के बगैर संसार में वेद, ग्रंथ, शास्त्रों की रचना भी संभव नही।

 

4. ऐसी भी कहा जाता है कि देवी सरस्वती सदैव जिव्हा में निवास करती हैं अर्थात दिन में एक बार मां सरस्वती प्रत्येक मनुष्य के की जिव्हा में आती हैं इस दौरान जो भी कुछ कहा जाए वह सत्य होता है।

 

5. रामायण में कैकयी के मुख से निकली राम के लिए अप्रिय बातों के संबंध में कहा जाता है कि इस दौरान देवी सरस्वती कैकयी की जिव्हा में विराजमान हो गईं थीं, जिससे उनसे पूर्व निर्धारित घटनाओं को कार्यरूप दे दिया।

Created On :   19 Jan 2018 3:24 AM GMT

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