टिकट कटने पर बावनकुले बोले - नाराज नहीं हूं, पार्टी के लिए काम करुंगा

Bawankule said on ticket cut - I am not angry, will work for party
टिकट कटने पर बावनकुले बोले - नाराज नहीं हूं, पार्टी के लिए काम करुंगा
टिकट कटने पर बावनकुले बोले - नाराज नहीं हूं, पार्टी के लिए काम करुंगा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि उन्हें पार्टी का निर्णय मंजूर है। बकौल बावनकुले- नाराज नहीं हूं,पार्टी के लिए काम करुंगा। टिकट को लेकर चले घटनाक्रम पर उन्होंने कहा है कि पार्टी नेतृत्व ने जाे भी निर्णय लिया है वह उन्हें मान्य है। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि मैं विदर्भ में संगठन के लिए काम करुं। लिहाजा कोई नाराजगी नहीं है। काटोल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का भी पर्याय था लेकिन वहां लड़ता तो कार्यकर्ताओं पर अन्याय होता,इसलिए पार्टी के निर्देश का पालन करुंगा। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में काम करुंगा। जो भी जवाबदारी मिलेगी, पूरा करुंगा।

राजनीतिक झटका

बावनकुले ने भले ही खुलकर पार्टी या किसी नेता के बारे में कुछ नहीं कहा है लेकिन उनके समर्थकों के अनुसार उन्हें काफी गहरा राजनीतिक झटका लगा है। भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद ही लगने लगा था कि कुछ गड़बड़ होने वाला है। लिहाजा बावनकुले मुख्यमंत्री के संपर्क में थे। उन्हें साफ संकेत दिया गया था कि उनकी उम्मीदवारी कायम रहेगी। बावनकुले वर्धा के भी पालकमंत्री हैं। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन पहली सूची घोषित हुए तक बावनकुले वर्धा में ही व्यस्त रहे। दूसरी सूची में भी नाम नहीं आने पर आशंका बढ़ने लगी। बताते हैं कि बावनकुले ने प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के अलावा केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी से भी आशंका जतायी थी। लेेकिन कहीं से भी उन्हें समाधानकारण उत्तर नहीं मिला। बावनकुले ग्रामीण  क्षेत्र में अन्य उम्मीदवारों का नामांकन दर्ज कराते रहे। माना  जा रहा था कि बावनकुले को कामठी के बजाय काटोल सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। लेकिन काटोल से अन्य उम्मीदवार तय कर दिया गया। गुरुवार को कामठी  में बावनकुले के समर्थन में पूर्व राज्यमंत्री सुलेखा कुंभारे ने स्नेह भोज कार्यक्रम आयोजित किया था। बावनकुले शामिल हुए थे। सोशल मीडिया पर खबर दी जा रही थी कि बावनकुले नामांकन दर्ज करनेवाले है। लेकिन गुरुवार की रात को नया मोड आ गया। अपना नामांकन दर्ज कराने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके सरकारी निवास रामगिरी में बावनकुले से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने पार्टी हाइकमान के निर्णय का हवाला देते हुए बावनकुले से साफ कह दिया कि वे कामठी से उम्मीदवार नहीं होंगे। मध्यरात्रि तक चर्चा चली रही। बावनकुले ने अन्य क्षेत्र से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।

रहे साथ

शुक्रवार को बावनकुले मुख्यमंत्री के साथ ही रहे। भाजपा के सभी उम्मीदवारों का नामांकन दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री के साथ जिलाधिकारी कार्यालय भी पहुंचे। उससे पहले केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के रामनगर स्थित आवास पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सभी उम्मीदवारों को जीत का आशीर्वाद दिया गया। मुख्यमंत्री , उनकी पत्नी अमृता फडणवीस,भाजपा के प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव, सरोज पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील भी उपस्थित थे। बावनकुले के चेहरे पर निराशा साफ झलकने लगी। दोपहर में वे जिलाधिकारी कार्यालय में ही थे। टिकट तय नहीं होने पर उनकी पत्नी ज्योति बावनकुले निर्दलीय पर्चा दाखिल करने कामठी में निर्वाचन अधिकारी के पास पहुंची। उम्मीद थी कि भाजपा की टिकट कुछ समय बाद तय हो जाएगी। ज्योति बावनकुले का पर्चा भराने भाजपा के जिलाध्यक्ष राजीव पोतदार भी निर्वाचन अधिकारी तक पहुंचे थे। लेकिन बाद में अन्य उम्मीदवार तय किया गया। नागपुर से निराश होकर बावनकुले कोराडी स्थित अपने आवास पर पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया। उनके समर्थन में उनके घर के सामने कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया। बावनकुले निराश होकर निवेदन करते रहे कि पार्टी का निर्णय सबको मानना होगा। 
 

Created On :   4 Oct 2019 12:45 PM GMT

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