बीसीसीआई ने टैक्स विवाद में मनोहर के रूख पर जताई आपत्ति
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि भारत में जब 2016 में टी-20 विश्व कप खेला गया था तब मनोहर बीसीसीआई के अध्यक्ष थे और वह भलीभांति जानते हैं कि भारत में टैक्स नीति किस तरह से काम करती है और अब यह बेहद खराब है कि आईसीसी चेयरमैन ने इस मुद्दे पर भारतीय बोर्ड की तरफ अलग रुख अख्तियार किया है।
अधिकारी ने कहा, आईसीसी के बाकी लोगों की अपेक्षा शाशांक इस बात को बहुत अच्छे से जानते हैं क्योंकि वह भारत की मेजबानी में 2016 में खेले गए टी-20 विश्व कप के दौरान बीसीसीआई के अध्यक्ष थे।
उन्होंने कहा, आप इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि जब बीसीसीआई आईसीसी से रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा ले रही थी तब कई तरह के समझौते हुए थे।
अधिकारी ने कहा, उन्होंने रेवेन्यू मॉडल में कुछ बदलाव किए थे लेकिन उनका भारत पर कोई असर नहीं पड़ा था। अगर आस्ट्रेलिया को यह कहा जा सकता है कि वह टैक्स छूट के लिए सिर्फ सर्वश्रेष्ठ तरीके निकाले तो बीसीसीआई को पूरी तरह से टैक्स में छूट देने की क्या जरूरत है।
एक और अधिकारी ने कहा कि आईसीसी चेयरमैन को इस मुद्दे पर फैसला लेने से पहले अपनी पूरी बातों को याद कर लेना चाहिए।
अधिकारी ने कहा, उस समय शशांक मनोहर ने विदर्भ क्रिकेट संघ को विश्व कप के दौरान महिलाओं के मैच और अन्य मैच आयोजित कराने के लिए एक निश्चित रकम दिलाई जबकि उनके लिए इसकी जरूरत भी नहीं थी? पूरे लेनदेन में वह ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने में सफल रहे और अब उन्हें अपनी स्थिति के बारे में दोबारा सोचना चाहिए।
एक और अधिकारी ने कहा कि अगर इसी तरह की चीजें जारी रहीं तो सदस्य विकल्प की तरफ देखना शुरू कर देंगे।
उन्होंने कहा, आईसीसी ऐसी संस्था बन गई है जिसकी कोई दिशा नहीं है और अगर वह सावधान नहीं रहते हैं तो, क्रिकेट जगत अलग तरह की चीजों के बारे में सोच सकता है।
--आईएएनएस
Created On :   9 Aug 2019 11:30 AM GMT