चौपाये चर रहे सामतपुर तालाब के लाखों का सौदर्यीकरण

Beauty of the millions of Samatpur ponds are eaten by animals
चौपाये चर रहे सामतपुर तालाब के लाखों का सौदर्यीकरण
चौपाये चर रहे सामतपुर तालाब के लाखों का सौदर्यीकरण

डिजिटल डेस्क अनूपपुर। जिला मुख्यालय के ह्दय स्थल में स्थित ऐतिहासिक व संभाग के सबसे बड़े तालाबों में  शामिल सामतपुर तालाब वर्तमान में नगरीय प्रशासन विभाग व लोक निर्माण विभाग की प्रयोगधर्मी कार्यशैली  के कारण दुर्दशा का शिकार होता जा रहा है। राजस्व के दस्तावेजों में खसरा नं. 285 में 13.40 एकड़  भूमि तालाब के नाम पर दर्ज है। वर्ष 2010 में तत्कालीन कलेक्टर कवीन्द्र कियावत द्वारा तालाब के सौदर्यीकरण का पहला प्रयास किया गया था। समाजसेवियों व जिले में संचालित  औद्योगिक इकाईयों से सहयोग लेकर तालाब गहरीकरण व चारों ओर बाउण्ड्री का निर्माण कराया गया था। तब से लेकर अब तक प्रत्येक वर्ष ग्रीष्मकाल में तालाब गहरीकरण को लेकर जन सहयोग किया जाता रहा है। दिनों दिन तालाब का जल स्तर कम होता जा रहा है।

वहीं रकवा भी अतिक्रमण के कारण सिमट कर 10 एकड़ में रह गया है। तालाब में जल संग्रहण के लिए कोई भी विकल्प शेष नहीं रह गया है। पूर्व में कलेक्टर कवीन्द्र कियावत द्वारा सोन नदी से इस तालाब में जल भरने के लिए पाइप लाइन का विस्तार भी कराया गया था और देख-रेख की जिम्मेदारी नपा को सौंपी गई थी किंतु नपा की उदासीनता के कारण यह व्यवस्था भी चौपट हो गई। 

अधूरे निर्माणों ने घटाया रकवा 
गत वर्ष 15 मई को अमरकंटक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि देशभर में किसी भी जल संरचना को प्रभावित नहीं किया जाएगा। इस घोषणा के एक सप्ताह के भीतर ही इस तालाब में पहले नगरपालिका परिषद द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। जिसमें जन सहयोग का हवाला देते हुए नपा द्वारा तालाब के बीचो-बीच प्लेटफार्म का निर्माण कराया जाना बतलाया गया। लगभग 5 लाख रुपए की राशि इस कार्य में खर्च कर दी गई। वहीं जून महीने में लोक निर्माण विभाग द्वारा तालाब की मेढ़ से होकर लगभग 90 मीटर लंबी सड़क का कार्य प्रारंभ कराया गया। दोनों ही कार्य वर्तमान में बंद पड़े हुए हैं और इन अधूरे निर्माण कार्यों के कारण तालाब का रकवा भी घट रहा है। 

जल संग्रहण की योजना नहीं 
वर्तमान में सामतपुर तालाब में पानी का संग्रहण सिर्फ बारिश भरोसे ही रह गया है। वर्ष 2016 में तत्कालीन   सीएमओ सुश्री कमला कोल द्वारा सड़क पर बहने वाले बारिश के पानी को संग्रहित कर तालाब तक पहुंचाने की  व्यवस्था कराई गई थी किंतु अब तालाब के किनारे नाली का निर्माण लोनिवि द्वारा करा दिया गया है जिसकी वजह से बारिश का पानी नाली से शहर के बाहर जा रहा है। वहीं सोन से नदी से बिछाई गई पाइप लाइन पूर्णत: अनुपयोगी साबित हो रही है। वहीं जल संग्रहण क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्य की वजह से जल संरचनाएं  प्रभावित हुई है। तालाब तक अब किसी भी प्रकार से बारिश का जल नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में तालाब में जल का भराव सिर्फ आसमानी बारिश के भरोसे ही है। 

घाट हो गया अनुपयोगी 
इस तालाब का उपयोग वार्ड क्रमांक 1 एवं 2 में निवास करने वाले आदिवासी परिवार दैनिक निस्तार के लिए करते हैं, किंतु सड़क निर्माण के लिए ठेकेदार द्वारा तालाब के घाट के समीप ही लगभग  20 फिट चौड़ा व 6 फिट गहरा गड्ढा खोद दिया गया था। शिकायत और विरोध के बाद निर्माण कार्य पर अल्पविराम और अब पूर्ण विराम लगने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बावजूद इसके गड्ढे को यूं ही खुला छोड़ दिया गया है जिसकी वजह से यह घाट अनुपयोगी ही साबित हो रहा है। इसी तरह जनभागीदारी सहयोग से तालाब में रैम्प का निर्माण भी कराया जा रहा था जो भी अधूरा पड़ा हुआ है। नपा के प्रयोगधर्मी रवैय्ये के कारण सामतपुर तालाब के सौदर्य पर ग्रहण लग रहा है।

चौपायों का रहता कब्जा
नगर पालिका परिषद द्वारा तालाब सौदर्यीकरण के नाम पर बीते 6 वर्षों में अब तक लगभग 50 लाख रुपए खर्च कर दिए गए। जिसमें तालाब के चारों ओर लाईटिंग, फुटपाथ निर्माण, पौधरोपण व सुरक्षा के लिए बाउण्ड्री बाल मरम्मत का कार्य बावजूद इसके तालाब की अधिकांश पिलर क्षतिग्रस्त होकर गिर गए व सुरक्षा घेरा बनाने के लिए लगाई गई पाइप कबाडिय़ों का निशाना बन गई। वर्तमान में स्थिति यह है कि लाखों रुपए के सौदर्यीकरण को चौपायें रौंद रहे हैं। पौधों को चरने के साथ ही तालाब की सुन्दरता  पर भी ग्रहण लगा रहे हैं।

इनका कहना है
"तालाब के संरक्षण व संवर्धन हेतु नपा को निर्देशित किया जाएगा।"
अजय शर्मा, कलेक्टर अनूपपुर

Created On :   21 April 2018 8:41 AM GMT

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