15 अगस्त : शिया वक्फ की संपत्तियों पर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाना हुआ जरूरी

bharat mata ki jai slogan compulsory in 15 august programmes on waqf properties wasim rizvi
15 अगस्त : शिया वक्फ की संपत्तियों पर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाना हुआ जरूरी
15 अगस्त : शिया वक्फ की संपत्तियों पर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाना हुआ जरूरी
हाईलाइट
  • उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
  • राष्ट्रगान के बाद 'भारत माता की जय' न बोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
  • वसीम रिजवी ने कहा है 15 अगस्त को राष्ट्रगान के बाद 'भारत माता की जय' के नारे भी लगाए जाएंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। वसीम रिजवी ने कहा है कि शिया वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियों पर 15 अगस्त को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में झंडा वंदन के साथ राष्ट्रगान गाया जाएगा। इसके बाद "भारत माता की जय" के नारे भी लगाए जाएंगे। राष्ट्रगान के बाद "भारत माता की जय" न बोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वसीम रिजवी ने कहा, "शिया वक्फ बोर्ड ने जितनी भी वक्फ संपत्तियां हैं, उन पर ऑर्डर जारी किया है कि 15 अगस्त को झंडा आरोहण कार्यक्रम में राष्ट्रगान के बाद भारत माता की जय का नारा जरूर लगाया जाएगा, जो इंस्टिट्यूट इसको फॉलो नहीं करेगा, हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

बता दें कि कई बार इस तरह की खबरें आती रही हैं कि कहीं पर "भारत माता की जय" बोलने को लेकर ऐतराज जताया गया। इस बात पर खूब बहस भी हुई है। मगर वसीम रिजवी के इस आदेश के बाद सभी शिया वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर भारत माता की जय का नारा लगाना अनिवार्य हो गया है।

 


गौरतलब है कि वसीम रिजवी इससे पहले भी कई बार अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं। कभी वे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का समर्थन करते हैं, तो कभी वे मुसलमानों की दाढ़ी पर ही बड़ा सवाल खड़ा कर देते हैं। वसीम रिजवी इससे पहले अयोध्या राम मंदिर के लिए अपनी ओर से 10 हजार रुपए का दान भी दे चुके हैं।

"मुसलमानों की दाढ़ी को बताया था डरावना"
वसीम रिजवी इससे पहले मुसलमानों की दाढ़ी पर भी सवाल खड़ा कर एक बड़ा हंगामा करवा चुके हैं। रिजवी ने कहा था कि बगैर मूंछ के दाढ़ी रखने वाले मुसलमान डरावने लगते हैं। उन्होंने कहा था, "दाढ़ी रखना एक सुन्नत है, लेकिन बिना मूंछों के नहीं। पिछले 20-25 सालों में रूढ़िवादी मुस्लिमों ने इसे ही अपनी पहचान बना लिया है। बिना मूंछ के दाढ़ी रखते हुए इन लोगों ने अपने चेहरे को डरावना बना लिया है। यही पहचान आतंकियों की भी बन गई है।"

Created On :   11 Aug 2018 4:10 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story