भावान्तर भुगतान योजना: 30 दिनों में मात्र 6 किसानों ने बेचा गेंहू

Bhavantar Payment Scheme : only 6 farmers sold wheat in 30 days
भावान्तर भुगतान योजना: 30 दिनों में मात्र 6 किसानों ने बेचा गेंहू
भावान्तर भुगतान योजना: 30 दिनों में मात्र 6 किसानों ने बेचा गेंहू

डिजिटल डेस्क अनूपपुर। जिले में भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत गेहूं की खरीदी को प्रारंभ हुए लगभगएक महीने का समय व्यतीत हो गया है लेकिन खरीदी केन्द्रों में अब भी विक्रय के लिए पहुंचने वाले किसानों का टोटा बना हुआ है। शासन द्वारा जिले में खरीदी के लिए 8 केंद्र बनाए गए हैं लेकिन इसके बाद भी किसान भावान्तर भुगतान योजना के तहत गेहूं की फसल का विक्रय करने में रूचि नहीं ले रहे है। जिस वजह से ज्यादातर खरीदी केन्द्रों में अभी तक गेहूं की बोहनी तक नहीं हो पाई है।भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत 25 मार्च से गेहूं की खरीदी प्रारंभ कर दी गई है। जिसके अंतर्गत जिले में 1459 किसानों ने इस योजना के तहत अपना पंजीयन कराया था तथा पंजीयन तिथि की समाप्ति होने के बाद अब इसकी खरीदी की जा रही है लेकिन महीनों बीतनेके बाद भी खरीदी केन्द्रों में किसानों के न पहुंचने से खरीदी केंद्र सूने पड़े हैं।  

8 केन्द्रों में सिर्फ 6 किसानों ने की बिक्री 
भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत जिले में गेहूं की खरीदी के लिए 8 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं जिनमें आदिम जाति सेवा सहकारी समिति अनूपपुर, कोतमा, जैतहरी, बेनीबारी, भेजरी दुलहरा, फुनगा, राजेन्द्रग्राम शामिल है। जिनमें इस वर्ष खरीदी के लिए 2000 मीट्रिक टन गेंहू की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है लेकिन अभी तक खरीदी केंद्र कोतमा में 4, अनूपपुर में 1 एवं फुनगा में 1 किसान के द्वारा किसानों के द्वारा 12 क्विंटल 70 किलोगेहूं का विक्रय किया गया है। 

कैसे होगी लक्ष्य की प्राप्ति 
जहां किसानों की फसल को अच्छे मूल्य पर खरीदने के लिए शासन द्वारा भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत गेहूं की फसल कोशामिल किया गया है। वहीं खरीदी केन्द्रों पर किसानों के न पहुंचनेपर विभागीय अधिकारियों के द्वारा यह तर्क दिया जा रहा है कि इस क्षेत्र में गेहूं का उत्पादन कम मात्रा में किया जाता है तथा उत्पादन से प्राप्त गेहूं को किसान स्वयं के उपयोग के लिए रख लेते हैं। वहींहकीकत यह है कि किसानों के द्वारा भावान्तर योजना के लागू होने के बाद भी विभागीय उलझनों से बचने तथा भुगतान में लेट लतीफी से परेशान होकर स्थानीय स्तर पर व्यवसाइयों को तथा ग्राहको को स्वयं पहुंचाकर गेहूं का विक्रय किया जा रहा है। ऐसे में विभाग द्वारातय किया गया 2000 मिट्रिक टन का लक्ष्य कैसे पूरा होगा। 

इनका कहना है 
किसान कम संख्या में पहुंच रहे हैं। विभाग द्वारा अपनी सहूलियत के लिए लक्ष्य बना दिया जाता है वरिष्ठ कार्यालयों से ऐसा कोई लक्ष्य नहीं दिया गया है।  
विपिन पटेल, जिला खाद्य अधिकारीअनूपपुर 

 

Created On :   26 April 2018 8:04 AM GMT

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