भूटान नरेश के बेटे की उंगली पकड़कर सुषमा ने किया स्वागत

Bhutan King Jigme Khesar Namgyal Wangchuk four days visit to India
भूटान नरेश के बेटे की उंगली पकड़कर सुषमा ने किया स्वागत
भूटान नरेश के बेटे की उंगली पकड़कर सुषमा ने किया स्वागत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक मंगलवार को 4 दिन के भारत दौरे पर पहुंच चुके हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भूटान नरेश और उनकी फैमिली का स्वागत किया। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी और भूटान की रानी जेटसन पेमा वांगचुक और उनके बेटे ग्याल्सी जिग्मे वांगचुक भी साथ पहुंचे हैं। अपनी 4 दिन की यात्रा पर भूटान नरेश पीएम मोदी और प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद समेत कई बड़े नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे। बता दें कि भूटान नरेश 31 अक्टूबर से 3 नवंबर तक भारत दौरे पर रहेंगे। 

 

 

डोकलाम विवाद के बाद पहली हाईलेवल मीटिंग

 

चीन के साथ चले 73 दिन लंबे डोकलाम विवाद के बाद ये पहली बार है जब भारत और भूटान के बीच हाईलेवल मीटिंग हो रही है। 73 दिनों तक बॉर्डर पर तनातनी रहने के बाद भूटान की ओर से भारत का पहला हाईलेवल दौरा है। बता दें कि भारत-चीन और भूटान बॉर्डर पर चला डोकलाम विवाद 28 अगस्त को खत्म हुआ था। 

पीएम मोदी देंगे डिनर

 

भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और उनकी फैमिली के सम्मान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिनर रखेंगे। इससे पहले भूटान नरेश प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से बताया गया कि अपने 4 दिन के दौरे पर आए भूटान नरेश वाइस प्रेसिडेंट वेंकैया नायडू, फारेन मिनिस्टर सुषमा स्वराज समेत कई यूनियन मिनिस्टर्स से मुलाकात करेंगे। आगे बताया गया है कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच बायलेटरल रिलेशन की समीक्षा भी की जाएगी। जिसमें अगले साल दोनों देशों के डिप्लोटिक रिलेशन की 25वीं सालगिरह पर होने वाले कार्यक्रम भी तय किए जाएंगे। 

क्या है डोकलाम विवाद ? 

 

डोकलाम एक तरह का ट्राई-जंक्शन है, जहां भारत-चीन-भूटान की बॉर्डर आकर मिलती है। इसी जगह पर भारत और चीन के बीच विवाद उस वक्त बढ़ गया था, जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने डोकलाम में सड़क बनाने का फैसला किया। इसके बाद इंडियन आर्मी ने इस जगह पर पहुंचकर चीन को सड़क बनाने से रोका। 73 दिनों तक भारत-चीन के बीच जबरदस्त गतिरोध देखने को मिला। 18 जून 2017 को शुरू हुआ ये विवाद ब्रिक्स समिट से थोड़े दिन पहले ही 28 अगस्त को खत्म हुआ, जब दोनों देशों ने अपनी आर्मी को पीछे हटाने का फैसला लिया। 

Created On :   31 Oct 2017 2:53 AM GMT

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