इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बड़ी चुनौती चार्जिंग बुनियादी ढांचा

big challenge in electric mobility charging infrastructure
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बड़ी चुनौती चार्जिंग बुनियादी ढांचा
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बड़ी चुनौती चार्जिंग बुनियादी ढांचा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वाहन निर्माता कंपनी लोहिया ऑटो इंडस्ट्रीज का कहना है कि देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने में सबसे बड़ी चुनौती चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचे की कमी है। कंपनी के अनुसार अभी देश में गिनती के ही चार्जिंग स्टेशन हैं। उल्लेखनीय है कि लोहिया ऑटो इंडस्ट्री कंपनी आज दो नये  इलेक्ट्रिक वाहन पेश कर सकती है।  जिनमें से एक दिव्यांगों के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर व दूसरा इलेक्ट्रिक रिक्शा है।

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लोहिया ऑटो के सीईओ आयुष लोहिया ने बताया कि,‘इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की राह में प्रमुख चुनौती चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचा है। यह 2030 तक केवल बिजली चालित वाहन वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने की उम्मीद में बाधा है। फिलहाल कुछ ही चार्जिंग स्टेशन हैं जो कि इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता में बाधा हैं।’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा है कि इस समस्या का व्यावहारिक समाधान यही है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के समर्थन के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास और क्रियान्वयन हो।

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उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार चाहती है कि 2030 तक देश में सार्वजनिक मोबिलिटी पूरी तरह इलेक्ट्रिक चालित हो जाए। वहीं इस अवधि में व्यक्तिगत मोबिलिटी वाले 40 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य है। ऑटोमोबाइल उद्योग के संगठन सियाम ने कल कहा कि देश की आजादी के सौंवे साल यानी 2047 तक यहां बिकने वाले सभी नये वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक यानी बिजली चलित हो जाएंगे।

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Created On :   24 Dec 2017 5:26 AM GMT

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