राफेल पर पूरी जानकारी लेकर पाक की मदद करना चाहते हैं राहुल : बीजेपी

BJP counters on rahul gandhi allegations over rafeal deal
राफेल पर पूरी जानकारी लेकर पाक की मदद करना चाहते हैं राहुल : बीजेपी
राफेल पर पूरी जानकारी लेकर पाक की मदद करना चाहते हैं राहुल : बीजेपी
हाईलाइट
  • फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के राफेल सौदे पर आए बयान से उठा है पूरा विवाद
  • रविशंकर प्रसाद बोले- राफेल पर पूरा खुलासा चाहते हैं राहुल
  • ताकि पाकिस्तान की मदद हो सके
  • राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाए थे पीएम मोदी पर भष्टाचार के आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री के बयान के हवाले से लगाए गए आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा है कि राफेल सौदे की कीमतों के बारे में बार-बार सवाल कर राहुल चाहते हैं कि इस लड़ाकू विमान के बारे में पूरी डिटेल सार्वजनिक की जाए। यह करते हुए राहुल सिर्फ पाकिस्तान की मदद करना चाहते हैं। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "वो यह कह रहे हैं बता दो इसका दाम कितना है, ताकि दुश्मन चौकन्ना हो जाए। वे पाकिस्तान की मदद करना चाहते हैं। ये आरोप मैं अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ लगा रहा हूं। राहुल गांधी राफेल लड़ाकू विमान में लगे सभी वैपन सिस्टम की जानकारी सार्वजनिक कर भारत के दुश्मनों को मदद पहुंचाना चाहते हैं।"

राहुल गांधी द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी के लिए चोर शब्द के उपयोग करने पर रविशंकर ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के लोकप्रिय और प्रमाणिक नेता और ईमानदारी के प्रतीक प्रधानमंत्री मोदी को चोर कहा है। भारत के इतिहास में इससे पहले कभी किसी पार्टी अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्दों का उपयोग नहीं किया। हम राहुल गांधी से इस मामले में ज्यादा उम्मीद भी नहीं कर सकते। न उनमें योग्यता है और न क्वालिटी। वे अपने परिवार के बूते कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर हैं।"

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए रविशंकर ने यह भी कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जो भ्रष्टाचार, जमीन और शेयर की लूट में अपनी माता के साथ बेल पर बाहर हो, एक ऐसा व्यक्ति जो अपने बहनोई के द्वारा जमीन लूटने पर खामोश रहे और एक जिसके पूरे परिवार ने बोफोर्स में घूस ली हो उससे देश कोई अपेक्षा नहीं कर सकता।

राहुल द्वारा पीएम मोदी पर इस सौदे में रिलायंस कंपनी को फायदा पहुंचाने के आरोपों पर केन्द्रीय मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ सबूत भी पेश किए। उन्होंने कहा, "हमारे पास डसाल्ट और रिलायंस इंडस्ट्री के बीच हुआ MoU है। जो बताता है कि दोनों कंपनियों के बीच 13 फरवरी 2013 को राफेल बनाने के सम्बंध में एग्रीमेंट हुआ था। यानि बीजेपी सरकार के आने के 1 साल 4 महीने पहले ही यह MoU साइन हो चुका था। 

ज्यादा कीमत में राफेल खरीदने के आरोपों का भी रविशंकर ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, "UPA की तुलना में NDA ने बेसिल राफेल एयरक्राफ्ट के सौदे 9% और हथियारों से लैस राफेल का सौदा 20% कम कीमत में किया है।"

गौरतलब है कि राफेल पर यह नया विवाद फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा ओलांदे के उस बयान के बाद उपजा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राफेल एयरक्राफ्ट बनाने के लिए अनिल अंबानी की रिलायंस कंपनी का नाम उन्हें भारत सरकार ने सुझाया था। उनके पास और कोई विकल्प नहीं था। इसीलिए डसाल्ट ने इसके बाद रिलायंस से राफेल को लेकर बातचीत शुरू की। ओलांदे के इस बयान के बाद फ्रांस सरकार ने भी एक बयान जारी कर कहा था कि इस सौदे के लिए भारतीय कंपनी के चुनाव में उनकी कोई भूमिका नहीं रही है। इन बयानों के बाद विपक्षी दल लगातार मोदी सरकार पर रिलायंस कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं। राहुल गांधी ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी को चोर कहा है।

Created On :   22 Sep 2018 1:28 PM GMT

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