भाजपा में गुटबाजी, शहडोल पालिका की बजट बैठक में नहीं पहुंचे पार्षद

Bjp factions openly appeared,councilor not reach the budget meeting
भाजपा में गुटबाजी, शहडोल पालिका की बजट बैठक में नहीं पहुंचे पार्षद
भाजपा में गुटबाजी, शहडोल पालिका की बजट बैठक में नहीं पहुंचे पार्षद

डिजिटल डेस्क,शहडोल। नगरपालिका में सत्तापक्ष भाजपा की गुटबाजी  उस समय खुलकर सामने आ गई, जब बजट के लिए बुलाई गई विशेष बैठक में एक भी पार्षद उपस्थित नहीं हुआ। बजट बैठक में सत्तापक्ष की ओर से अध्यक्ष उर्मिला कटारे एवं राजस्व विभाग सभापति महेश भागदेव ही पहुंचे। जबकि परिषद में भाजपा के 22 पार्षद हैं। बजट प्रस्ताव पर चर्चा और पारित होने के लिए वांछित कोरम के अभाव में विपक्षी कांग्रेसी पार्षदों ने भी बैठक का बहिष्कार कर दिया। करीब 10 मिनट के इस नाटकीय घटनाक्रक्रम के बाद बजट ही प्रस्तुत नहीं किया जा सका।

विकास कार्य ठप पड़ सकते है

बजट प्रस्तुत नहीं होने की दशा में नगरपालिका के सारे विकास कार्य ठप पड़ सकते हैं। पता चला है कि अब बजट के लिए विशेष बैठक 1आज पुन: बुलाई जा सकती है। इस बैठक में भी यदि कोरम पूरा नहीं होता तो बजट पारित करने की जिम्मेदारी प्रदेश शासन के पाले में चली जाएगी। गौरतलब है कि नगरीय प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार 1 मार्च को नगरीय निकायों का वार्षिक लेखा जोखा वाला बजट ऑन लाइन फीड किया जाना है। लेकिन इस घटनाक्रक्रम के बाद नपा का बजट प्रस्तुत ही नहीं हो पाया है। जानकारी के अनुसार नगरपालिका ने इस वर्ष करीब डेढ़ लाख रुपये के फायदे वाला 160 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। इसे परिषद की बैठक में रखते हुए अनुमोदित कराना था। जानकारों के अनुसार परिषद की बैठक में बजट अनुमोदित नहीं होने की स्थिति में राज्य शासन के पास मामला भेजा जाएगा। जहां से स्वीकृति दी जा सकती है।

39 वार्डों की नपा, अध्यक्ष सहित 12 पार्षद रहे मौजूद

गुरुवार की सुबह 11 बजे से बजट बैठक बुलाई गई थी। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, एक सभापति व कांग्रेस के 17 में से 10 पार्षद कुछ देर में बैठक हाल में पहुुुंच चुके थे। करीब 15-20 मिनट इंतजार के बाद भी सत्तापक्ष का एक भी पार्षद नहीं पहुंचा, जबकि परिषद में भाजपा के 22 पार्षद हैं। कांग्रेस समर्थित उपाध्यक्ष कुलदीप निगम व नेता प्रतिपक्ष इसहाक खान ने बजट प्रस्तुत करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कोरम पूरा नहीं हो सकता। इसके बाद वे भी बैठक से उठकर चले गए। नियमानुसार बजट तभी प्रस्तुत किया जा सकता है जब सदस्यों की दो तिहाई मौजूदगी हो। 39 वार्डों की नपा में अध्यक्ष को मिलाकर 12 लोग मौजूद रहे।

अध्यक्ष के खिलाफ हुए लामबंद

बैठक में सत्तापक्ष के पार्षदों की अनुपस्थिति को अध्यक्ष के विरुद्ध नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस पार्षद तो पहले से ही यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि अध्यक्ष की कार्यशैली से नगर में विकास के कार्य ठप पड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका उदाहरण है जिसकी फाइलें अध्यक्ष के पास केवल साइन के लिए अटकी पड़ी हैं। अब सत्तापक्ष के लोगों ने विपक्ष के सुर में सुर मिलाना शुरु कर दिया है। आज की बैठक से नदारद रहते हुए भाजपा के पार्षदों ने भी अपनी मंशा जता दी है। सत्तापक्ष के पार्षद खुलकर सामने भले नहीं आ रहे हों लेकिन उन्होंने दबी जुबान से कहना शुरु कर दिया है। आज के विरोध को अध्यक्ष के खिलाफ आगामी दिनों में अविश्वास के रूप में देखा जाना चाहिए।

इनका कहना है

मेरे विरोध की कोई वजह नहीं है। कई पार्षदों ने अनुपस्थिति का कारण व्यक्तिगत व्यस्तता व संगठन के कार्यक्रम में जाना बताया है। कोरम के अभाव में बैठक स्थगित किया गया है।  पुन: बैठक बुलाई जा रही है। यही स्थिति रहने पर शासन से मार्गदर्शन मांगा जाएगा।
उर्मिला कटारे, नपाध्यक्ष

मैं अभी पार्टी की मीटिंग में बाहर हूं। परिषद में क्या हुआ जानकारी नहीं है। यदि हमारी पार्टी के पार्षद अनुपस्थित रहे तो अध्यक्ष व पार्षदों से चर्चा की जाएगी।
इंद्रजीत सिंह छाबड़ा, जिलाध्यक्ष भाजपा

 

Created On :   1 March 2019 8:04 AM GMT

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