धारा 144 लागू होने के बाद भी आसनसोल हिंसा का जायजा लेने पहुंची BJP नेताओं की टीम

BJP leaders gone for reviewing Asansol violence, allegations against Mamta
धारा 144 लागू होने के बाद भी आसनसोल हिंसा का जायजा लेने पहुंची BJP नेताओं की टीम
धारा 144 लागू होने के बाद भी आसनसोल हिंसा का जायजा लेने पहुंची BJP नेताओं की टीम

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने आसनसोल हिंसा का जायजा लेने के लिए 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर वहां पहुंचा है। हालांकि टीम को आसनसोल में प्रवेश से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने हर मशक्‍कत की। बावजूद टीम के सदस्‍य नहीं माने और आसनसोल पहुंच गए। बता दें प्रशासन ने हालात पर काबू के लिए धारा 144 लगाई हुई है। यहां राहत शिविरों का जायजा लेने के बाद चार सदस्यीय दल के वरिष्ठ नेता ओम माथुर ने कहा कि हिंसा प्रभावित इलाके में पुलिस ने लोगों पर जुर्म किया। इस दौरान रूपा गांगुली ने आमबागान, रामकिशुन डंगाल आदि इलाकों का जायजा लिया। इसके बाद शरणार्थी शिविर भी गईं। वहीं BJP महासचिव ओम माथुर, प्रवक्‍ता शाहनवाज हुसैन, डीपी राम ने चांदमारी का दौरा किया। यहां लोगों का दुखदर्द सुना। बता दें इससे पहले केंद्रीय मंत्री और आसनसोल से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने यहां का दौरा किया था।

ममता पर जमकर साधा निशाना 
आसनसोल पहुंचकर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। शाहनवाज ने आरोप लगाया कि हिंसा रोकने के लिए टीएमसी सरकार ने अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाई। एक वर्ग विशेष के साथ यहां ज्यादती हुई है। इसकी रिपोर्ट वह अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को देंगे। वहीं ओम माथुर से यह पूछे जाने कि हिंसा भड़काने का आरोप BJP, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल पर लग रहे हैं। इस पर माथुर ने कहा कि यदि उनकी पार्टी को हिंसा ही भड़कानी होती, तो वे आसनसोल तक सीमित क्यों रहते? पूरे राज्य में हिंसा क्यों नहीं करवा देते। प्रतिनिधिमंडल में शामिल BJP नेता रूपा गांगुली ने ममता बनर्जी को घेरते हुए कहा कि ममता राज्य में हिंसा करवा रही है। विकास कार्य ठप पड़े हैं। आसनसोल में जो हिंसा हुई, उसकी नैतिक जिम्मेदारी स्वयं पर लेते हुए ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

हिंसा में हुई थी बच्चों समेत 3 की मौत 
आसनसोल में हुई हिंसा के दौरान तीन लोगों कि मौत हो गई थी और साथ ही इसमें तीन दर्जन से अधिक लोगों घायल भी हो गए थे। पथराव में एक 6 साल की मासूम की मौत हो गई थी। हिंसा के दौरान आसनसोल के रानीगंज इलाके की स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए जुलूस को बीच में ही रोक देने का ऐलान कर दिया था। हिंसा फैलने के बाद राज्य में जिस तरह की परिस्थिति बनी है उस पूरे मुद्दे पर केंद्र को ओर से रिपोर्ट तलब की गई थी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से कहा था कि अगर उन्हें पैरामिलिट्री फोर्स की जरूरत है, तो वह मुहैया करा सकती है। हिंसा के दौरान पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई थी। 

Created On :   1 April 2018 12:14 PM GMT

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