शिवराज के सियासी गुरू बोले- चुनाव जीतने के लिए बदलना होगा सीएम का चेहरा

शिवराज के सियासी गुरू बोले- चुनाव जीतने के लिए बदलना होगा सीएम का चेहरा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सियासी गुरु और वरिष्ठ संघ प्रचारक सूर्यकांत केलकर का बड़ा बयान सामने आया है। केलकर ने माना है कि मध्य प्रदेश में एंटी इंकम्बेंसी हावी है। अगर भारतीय जनता पार्टी को मध्य प्रदेश में चौथी बार सत्ता में वापसी करनी है तो उसे मुख्यमंत्री का चेहरा बदलना होगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में एक ही चरण में 230 विधानसभा सीटों पर 28 नवंबर को चुनाव होने है। 11 दिसंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। 

केलकर ने कहा कि एंटी इंकम्बेंसी ही एक फेक्टर है जो बीजेपी को सत्ता से दूर कर सकती है। इसे दूर करने के लिए अगर सीएम शिवराज सिंह चौहान कहें कि चुनाव में जीत के बाद प्रदेश को नया सीएम और मंत्रिमंडल मिलेगा को एंटी इंकम्बेंसी का सारा प्रभाव खत्म हो जाएगा। इससे बीजेपी के हर एक कार्यकर्ता में उत्साह संचारित होगा। समान्य जनता में भी चुनाव को लेकर निष्क्रियता दूर हो जाएगी और भाजपा चुनाव स्वीप कर जाएगी।

केलकर की राय है कि पार्टी अध्यक्ष की तरह यह भी तय हो जाना चाहिए कि कोई भी पार्षद, विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री दो से ज़्यादा बार पद पर न रहे। इससे नए कार्यकर्ताओं को अवसर मिलेंगे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 10 बार चुनाव लड़कर बाबूलाल गौर ने कई लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को क्षति पहुंचाई है।

बता दें कि शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर, अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सरताज सिंह ने खुलकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। अब संघ के इस वरिष्ठ नेता का बयान आना अहम माना जा रहा है। केलकर का साफ तौर पर कहना है कि मध्य प्रदेश में सत्ता तभी संभव होगी, जब पार्टी मुख्यमंत्री का चेहरा सहित पूरे मंत्रिमंडल में नयापन लाएगी।

कौन हैं केलकर 
मप्र की राजनीति में सूर्यकांत केलकर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का सियासी गुरू माना जाता है। आपातकाल के समय केलकर विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री थे। तब चौहान उनके ही साथ रहते थे। पुलिस केलकर को पकडने पहुंची थी, लेकिन वहां 15 साल के शिवराज मिले, उनकी जेब में केलकर की लिखी एक पर्ची मिलने पर ​उन्हें ही अरेस्ट कर लिया गया। इस घटना के बाद ही चौहान को ब्रेक मिला और बाद में वे परिषद और भाजयुमो में पदाधिकारी बनाए गए। केलकर लंबे समय से भाजपा से दूर हैं और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ भारत रक्षा मंच के माध्यम से आंदोलन चलाए हुए है। 

 

Created On :   15 Nov 2018 2:05 PM GMT

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