संजय राऊत का बीजेपी पर तंज- गठबंधन के लिए रोड रोमियो जैसे पीछे पड़े हैं

संजय राऊत का बीजेपी पर तंज- गठबंधन के लिए रोड रोमियो जैसे पीछे पड़े हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लगातार सख्त तेवर दिखा रही शिवसेना को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उसी के अंदाज में जवाब तो दे दिया है, लेकिन पार्टी को अब भी उम्मीद है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन होगा। अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की ओर से दिया तीखा बयान शिवसेना को दबाव में लाने का एक पैंतरा माना जा रहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आखिर बर्दाश्त की भी सीमा होती है। केन्द्र और महाराष्ट्र में सरकार में साथ रहने के बावजूद शिवसेना भाजपा के खिलाफ लगातार आक्रामक है। ऐसे में जरूरी था कि भाजपा भी उसी भाषा में अपनी ताकत का एहसास कराए। भाजपा का मानना है कि कल की उसकी आक्रामकता के बाद न केवल शिवसेना बैकफुट पर आएगी, बल्कि इससे भाजपा के कार्यकर्त्ताओं का मनोबल भी बढ़ेगा। उन्होने बताया कि शिवसेना के साथ पिछले 25 साल से हमारा गठबंधन है, लेकिन इस 25 साल में से 20 साल तक भाजपा को सुनना ही पड़ा है, लेकिन अब स्थिति बदली है और हम लोकसभा के साथ विधानसभा में भी शिवसेना से बड़ी पार्टी हैं। मतलब अब सिर्फ सुनने का वक्त नहीं रहा। 

युति के पक्ष में है भाजपा : दानवे 
महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष राव साहेब दानवे पाटील ने कहा है कि महाराष्ट्र में युति की उम्मीद खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा शिवसेना के साथ चुनाव लड़ना चाहती है। परंतु यदि शिवसेना अलग होने पर अड़ी रही तो भाजपा भी अपने दम पर चुनावी मैदान में जाने को तैयार है। हालांकि भाजपा को डर है कि तेलुगूदेश और रालोसपा के बाद यदि शिवसेना भी छिटकी तो यह गलत संदेश जाएगा कि भाजपा अपने सहयोगियों को ठीक से नहीं रख पा रही। इसके बावजूद दानवे ने संकेत दिया कि युति की स्थिति में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शिवसेना को भाजपा आधी-आधी सीटें नहीं देगी।

बता दें कि श्री शाह ने रविवार को शिवसेना को चेतावनी के लहजे में कहा था कि अगर गठबंधन हुआ तो पार्टी अपने सहयोगियों के लिए जीत सुनिश्चित करेगी, अन्यथा पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में उसी सहयोगी को परास्त करेगी। भाजपा अध्यक्ष के इस बयान से भन्नाई शिवसेना ने भी खुद को मुकाबले के लिए तैयार बताया है। 

‘रोड रोमियो जैसी शिवसेना की पीछे क्यों पड़ी है भाजपा’
उधर मुंबई में शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने अपने सहयोगी दल पर तीखा हमला बोला है। राऊत ने अमित शाह के ‘पटकने वाले’ बयान पर पटलवार करते हुए दावा किया कि शिवसेना अगला लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। सोमवार को राऊत ने कहा कि भाजपा की स्थिति रोड रोमियो जैसी हो गई है। शिवसेना ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आगामी चुनाव अकेले लड़ने का फैसला ले चुकी है। इसके बावजूद भाजपा रोड रोमियो की तरह शिवसेना के पीछे क्यों पड़ी है? यह हमें समझ नहीं आ रहा है। राऊत ने कहा कि शिवसेना बार-बार भाजपा को नहीं बोल रही है। इसके बाद भी भाजपा हमारा पीछा कर कह रही है कि हमसे प्रेम करिए। हमसे विवाह करिए, लेकिन भाजपा को पता होना चाहिए कि किसी का पीछा करना कानूनी रूप से अपराध है। राऊत ने कहा कि शिवसेना को भाजपा में रुचि नहीं है। फिर भी भाजपा हमारे पीछे भाग रही है। इससे पार्टी पर लोग हंस रहे हैं। इसका गुस्सा लातूर की भाजपा की सभा में शाह ने निकाला। 

शिवसेना की भाजपा में कोई रुचि नहीं  
राऊत ने कहा कि भाजपा से गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं शुरू है। शिवसेना में उद्धव का फैसला अंतिम होगा। पार्टी के सभी लोगों को उनका फैसला मानना पड़ेगा। राऊत ने कहा कि शिवसेना को यदि किसी को पटकना रहेगा तो अकेले चुनाव लड़कर पटकेगी। हम किराए के पहलवानों की मदद नहीं लेंगे। राऊत ने कहा कि शिवसेना के पास गंवाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के मंत्री क्यों इस्तीफा दे। यदि भाजपा के मंत्रियों को हमारे साथ में काम नहीं करना है तो वे इस्तीफा दें। राऊत ने कहा कि भाजपा को मालूम होना चाहिए कि शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जब फैसला लिया जाता है तो उसका महत्व क्या होता है। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पिछले साल राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आगामी चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया था। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि महाराष्ट्र में किसी से भी गठबंधन नहीं करेंगे। पार्टी उस फैसले पर अभी भी कायम है।

राऊत ने कहा कि शाह शिवसेना को पटकने की भाषा बोल रहे हैं, लेकिन उन्हें यह पता होना चाहिए कि पिछले 50 सालों में हम ही लोगों को पटकते-पटकते यहां पहुंचे हैं। हम केवल शरीर में तेल लगाकर नहीं घुमते। हम मिट्टी के पहलवान हैं। भाजपा लातूर से धमकाना बंद कर दे। शिवसेना डरने वाली नहीं है। इससे पहले शाह ने लातूर में रविवार को कहा था कि शिवसेना के साथ गठबंधन हुआ तो ठीक नहीं तो चुनाव में उसको भी पटक देंगे। 

एक करोड़ नौकरियां घटने की रिपोर्ट पर साधा निशाना  
शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पार्टी के मुखपत्र सामना के जरिए सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की एक रिपोर्ट को लेकर निशाना साधा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले एक साल में देश में 1.09 करोड़ नौकरियां खत्म हुईं। इस पर शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री यदि रोजगार सृजन का श्रेय लेना चाहते हैं तो उन्हें देश में घटी नौकरियों की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। शिवसेना ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को बेरोजगार युवाओं की भावनाओं के साथ नहीं खेलना चाहिए। पार्टी ने कहा कि बड़े-बड़े वादे किए गए लेकिन पिछले चार साल में एक भी साकार नहीं हुआ। रोजगार सृजन का बुलबुला अंत में सीएमआईई की रिपोर्ट से फूट गया। 

 

Created On :   7 Jan 2019 3:45 PM GMT

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