अब पाकिस्तानी पत्नी से मिल सकेगा भारतीय पति ! जानिए क्या है मामला

Bombay hc order an indian citizen now meet his pakistani wife
अब पाकिस्तानी पत्नी से मिल सकेगा भारतीय पति ! जानिए क्या है मामला
अब पाकिस्तानी पत्नी से मिल सकेगा भारतीय पति ! जानिए क्या है मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के चलते अब एक भारतीय नागरिक अपनी पाकिस्तानी पत्नी से मिल सकेगा। पाकिस्तानी में रह रही पत्नी को वीजा न दिए जाने से परेशान मुंबई निवासी भारतीय नागरिक आमिर वडगामा ने अधिवक्ता गणेश गोले के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति आरएम बोर्डे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय को वडगामा की पत्नी के भारत आने से संबंधित विजिटर वीजा के आवेदन पर नियमों के तहत शीघ्रता से विचार करने का निर्देश दिया है। पाकिस्तान में रह रही वडगामा कि पत्नी राबिया अल्ताफ हुसैन को भारत आने के लिए वीजा आवेदन पर कोई निर्णय न लिए जाने के बाद उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वह वडगामा के मुंबई स्थित घर के पते का सत्यापन करे।  

सुनवाई के दौरान खंडपीठ को बताया गया कि वडगामा की पत्नी ने अपने आवेदन में मुंबई में अपने पति के घर का जो पता लिखा है वह सही है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को वडगामा की पत्नी के वीजा से जुड़े विजिटर वीजा आवेदन पर शीघ्रता से विचार करने का निर्देश दिया। केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद अली चूनावाला ने खंडपीठ के सामने पक्ष रखा याचिका के मुताबिक वडगामा ने 27 मार्च 2017 को पाकिस्तान स्थित कराची में मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार राबिया  से विवाह किया था।  शादी के कुछ समय बाद वह भारत आ गया था।  याचिका के अनुसार शादी के बाद वडगामा की पत्नी ने नियमों के तहत इस्लामाबाद स्थिति भारतीय दूतावास में 16 मई 2017 और 29 मई 2018 को विजिटर वीजा (आगंतुक वीजा) के लिए आवेदन किया था। वीजा के साथ राबिया ने इस बात का प्रमाणपत्र भी जोड़ा था कि भारत आने पर उसका खर्च उसका पति वहन करेगा। किंतु केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय ने मेरी पत्नी के वीजा से जुड़े दो आवेदन पर क्या फैसला किया है और आवेदन पर विचार न करने को लेकर कोई वैध कारण की जानकारी भी मेरी पत्नी को नहीं दी गई है। 

भारत में पाकिस्तानी लड़की से विवाह पर पाबंदी नहीं

याचिका में वडगामा ने कहा था कि केंद्र सरकार का यह रुख मेरे अपनी पसंद से विवाह करने के मौलिक अधिकार व स्वतंत्र का उल्लंघन करता है। मौजूदा किसी भी भारतीय कानून में पाकिस्तानी नागरिक से विवाह करने पर प्रतिबंध नहीं है। अतीत में कई भारतीयों ने पाकिस्तानी महिलाओं से विवाह किया है और बाद में पत्नी को विजिटर वीजा अथवा भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में साफ किया कि जीवन के अधिकार (संविधान के अनुच्छेद) 21 का अर्थ है कि नागरिकों को अर्थपूर्ण जीवन जीने का अवसर मिले। जिससे वह अपनी पंरपराओं, संस्कृति, धरोहर का संरक्षण करते हुए अपना जीवन जी सके। इस लिहाज से  मेरी पत्नी के वीजा आवेदन को लेकर केंद्रीय विदेश मंत्रालय का रुख अतार्किक, भेदभाव व मनमानीपूर्ण है। 

Created On :   6 July 2019 12:25 PM GMT

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