क्या आम कैदी के साथ भी संजय दत्त जैसा व्यवहार करती है सरकार : हाईकोर्ट

Bombay High court hearing on Sanjay Dutts Parole and furlough
क्या आम कैदी के साथ भी संजय दत्त जैसा व्यवहार करती है सरकार : हाईकोर्ट
क्या आम कैदी के साथ भी संजय दत्त जैसा व्यवहार करती है सरकार : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त को जेल से जल्दी-जल्दी मिली फरलो और पेरोल के खिलाफ दायर याचिका पर आज बांबे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट में कहा है कि 1993 बम धमाके के मामले में जेल से फरलो व पेरोल पर संजय दत्त को रिहा किए जाने को लेकर उसके पास एक-एक क्षण का हिसाब है। इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि संजय दत्त के मामले में सरकार ने जैसा रुख अपनाया है क्या वैसा आम कैदी के मामले में भी अपनाया जाता है? बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भालेकर ने इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

याचिका में फिल्म अभिनेता संजय दत्त को जेल प्रशासन की ओर से बेहद कम अंतराल पर दी गई पेरोल और फरलो पर सवाल उठाया गया है। संजय दत्त 2016 में 1993 बम धमाके मामले में पांच साल की सजा काटने के बाद रिहा हुए थे। याचिका के मुताबिक पेरोल विशेष कारणों से दिया जाता है जबकि फरलो पाना कैदी का अधिकार है।

सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि संजय दत्त नियमों के तहत ही जेल से बाहर थे। हमारे पास संजय की फरलो व पेरोल पर हुई रिहाई का पूरा लेखा-जोखा है। उन्होंने कहा कि आरटीआई कानून व जनहित याचिका दायर करनेवालों को देखते हुए हमने इस मामले में कोई जोखिम नहीं उठाया है। संजय को पत्नी व बेटी की बीमारी के चलते फरलो व पेरोल पर रिहा किया जाता था।

इन दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस भारती डागरे की खंडपीठ ने कहा कि जेल प्रशासन से जैसा रुख संजय दत्त के मामले में अपनाया है क्या वैसा ही रुख आम कैदियों के मामले में भी अपनाया जाता है। इसकी जानकारी हमे हलफनामे में प्रदान की जाए। यह जानकारी मिलते ही हम मामले को समाप्त कर देंगे। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई एक फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।

Created On :   12 Jan 2018 5:50 PM GMT

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