विवादों में घिरी मराठी फिल्म एट्रोसिटी, हाईकोर्ट ने थमाया नोटिस

Bombay high court notice to Marathi film Atrocity
विवादों में घिरी मराठी फिल्म एट्रोसिटी, हाईकोर्ट ने थमाया नोटिस
विवादों में घिरी मराठी फिल्म एट्रोसिटी, हाईकोर्ट ने थमाया नोटिस

डिजिटल डेस्क,नागपुर। रिलीज होने के पहले ही  मराठी फिल्म एट्रोसिटी  विवादों में घिर गई है।   फिल्म में धर्म विशेष के लोगों पर टिप्पणी करने व भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया जा रहा है। फिल्म को लेकर नागरिक हक्क संरक्षण मंच अध्यक्ष जनार्दन मून ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया कि यह फिल्म धर्म विशेष के लोगों की छवि मलिन कर रही है। फिल्म के प्रोमो में भी कई आपत्तिजनक डायलॉग हैं। ऐसे में यह फिल्म लोगों की भावनाएं आहत कर रही है। याचिकाकर्ता ने इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की थी, मगर बुधवार को इस मामले में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने फिल्म रिलीज पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट ने इस मामले में सेंसर बोर्ड और फिल्म प्रोड्यूसर डॉ.राजेंद्र पडोले को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.अश्विन इंगोले ने पक्ष रखा। 

यह है मामला  
याचिकाकर्ता के अनुसार, सेंसर बोर्ड ने प्रोड्यूसर पडोले को फिल्म रिलीज की अनुमति दे रखी है। पडोले ने फिल्म की कहानी और कांसेप्ट भी लिखे हैं। फिल्म के प्रोमो को देखें तो पता चलता है कि यह फिल्म धर्म विशेष के लोगों की भावनाएं आहत कर रही है। समाज के दो धर्मों के लोगों के बीच राजनीतिक रस्साकशी दिखाने की कोशिश की गई है। यहां तक कि फिल्म में कई ऐसे डायलॉग हैं, जिससे धर्म विशेष के लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। यह सीधे-सीधे एट्रोसिटी एक्ट का उल्लंघन है। सेंसर बोर्ड की यह जिम्मेदारी थी कि वे फिल्म से आपत्तिजनक डायलॉग और सीन हटाने के आदेश देता, मगर ऐसा नहीं हुआ। सेंसर बोर्ड ने भी इस प्रकरण में सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 का उल्लंघन किया है। हाईकोर्ट ने मामले में एक सप्ताह का समय दिया है पश्चात फैसले पर फिल्म का भविष्य आधारित होगा।

Created On :   22 Feb 2018 8:11 AM GMT

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