काटोल विधानसभा उपचुनाव पर स्टे

Bombay High Court puts stay on the by election of Katol seat
काटोल विधानसभा उपचुनाव पर स्टे
काटोल विधानसभा उपचुनाव पर स्टे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मंगलवार को 11अप्रैल को प्रस्तावित काटोल विधानसभा क्षेत्र के चुनाव पर स्थगन लगा दिया, मामले में चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा है।

पंचायत समिति अध्यक्ष संदीप सरोदे द्वारा काटोल में 11 अप्रैल को प्रस्तावित विधानसभा चुनाव का विरोध करती याचिका दायर की गई थी। देश के निर्वाचन आयोग द्वारा जिले के काटोल विधानसभा सीट पर 11 अप्रैल को विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनाव घोषित किए गए हैं। यहां के विधायक आशीष देशमुख के इस्तीफा देने के बाद से यह सीट खाली है। चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी किया है। याचिकाकर्ता ने इसे चुनौती दी। वहीं सोमवार को चुनाव आयोग ने नामांकन के लिए टाईमटेबल भी जारी किया था। जिसके मुताबिक 26 मार्च को सुबह 11 बजे काटोल विधानसभा सीट के लिए नामांकन स्वीकार किए जाएंगे। इसी तरह 28 मार्च को दोपहर 3 बजे के पूर्व नामांकन वापस भी लिया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने इसे भी कोर्ट में चुनौती दी है।

याचिकाकर्ता का तर्क है कि अभी चुनाव लेने से मनुष्यबल, संसाधनों के अलावा अनावश्यक खर्च होगा, क्योंकि 6 माह में ही काटोल समेत प्रदेश भर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राज्य सरकार पहले ही काटोल को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर चुकी है। ऐसे में 11 अप्रैल के विधानसभा चुनाव के कारण जनता का खर्च बढ़ेगा और इससे कोई फायदा नहीं होगा। ऐसे में याचिकाकर्ता ने काटोल में 11 अप्रैल को विधानसभा चुनाव लेने के निर्वाचन आयोग के फैसले को रद्द करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर कामकाज देख रहे है।

15 अक्टूबर 2014 को काटोल विधानसभा सीट के लिए चुनाव हुए थे। इसमें आशीष देशमुख विजयी रहे। इसके 4 साल बाद 3 अक्टूबर 2018 को उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे 6 अक्टूबर 2018 को स्वीकार कर लिया गया। इससे काटोल विधानसभा की सीट खाली हो गई। चुनाव आयोग ने 10 मार्च 2019 को काटोल में चुनाव की घोषणा की। आगामी 11 अप्रैल को यहां लोकसभा के साथ ही विधानसभा का चुनाव घोषित किया गया। जून 2019 के विधानसभा मानसून सत्र में काटोल का नया विधायक शपथ लेगा। इसके बाद अक्टूबर में महाराष्ट्र में फिर विधानसभा चुनाव है, इसके लिए सितंबर में ही आचार संहिता लागू हो जाएगी।

याचिकाकर्ता की दलील है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव को 6 माह से भी कम का समय है। इस अवधि में काटोल में दो बार विधानसभा चुनाव होंगे। जो कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन होगा।

Created On :   19 March 2019 10:08 AM GMT

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