मृतकों को मोक्ष का इंतजार, सालों से लॉकर में बंद हैं अस्थियां

Bones of dead are locked in lockers at Mokshadham of Chhindwara
मृतकों को मोक्ष का इंतजार, सालों से लॉकर में बंद हैं अस्थियां
मृतकों को मोक्ष का इंतजार, सालों से लॉकर में बंद हैं अस्थियां


डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। पूर्वजों की आत्मशांति के लिए पितृपक्ष के दौरान कोई श्राद्ध करता है तो कोई तर्पण करता है,लेकिन छिंदवाड़ा के पातालेश्वर स्थित मोक्षधाम के कुछ लॉकरों में रखी मृतकों की अस्थियों को मोक्ष पाने अपनों के आने का इंतजार है। परिजनों के नहीं आने पर लंबे समय से लॉकर में मृतकों की अस्थियां रखी हुई है। ऐसे बंद लॉकरों की वजह से अन्य लोगों को अपने मृत परिजनों की अस्थियों को सुरक्षित रखने जगह नहीं मिल रही है।

 गौरतलब है कि छिंदवाड़ा शहर का सबसे बड़े मोक्षधाम पातालेश्वर 4 एकड़ में फैला है, जिसमें 13 शवदाहगृह स्थल हैं। यहां रोजाना ही किसी न किसी की अंत्येष्टी होती है। मृतकों का दाह संस्कार करने के बाद परिजन उनकी अधजली अस्थियों को मिट्टी के पात्र- कलश में रखकर नए कपड़े में बांधकर यहां रखी पांच पेटियों में मौजूद 60 लॉकर में से किसी भी एक लॉकर में सुरक्षित रख देते हैं। वहीं शेष राख को स्थानीय जल प्रवाह अथवा कुंड में विसर्जित कर देते हैं। मृतक के अस्थि कलश को बाद में सुविधा और परंपरागत रिवाज के मुताबिक किसी पवित्र नदी में ले जाकर विसर्जन करते हैं। इन पेटियों के कुछ लॉकर कई महीनों से नहीं खुले हैं। लॉकर में ताला संबंधित स्वयं लगाते और खोलते हैं। 

रिकॉर्ड का नहीं होता मेटिनेंस
मोक्षधाम की व्यवस्थाएं नगर पालिका निगम संचालित करता है। यहां किसका अंतिम संस्कार हुआ, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा है। इसी तरह मृतकों की अस्थियों को कौन, कब और किसके अस्थि कलश को रख रहा है, यह भी दर्ज नहीं हो रहा है। जिससे सभी लॉकर का व्यवस्थित उपयोग नहीं हो रहा और लॉकर पेटी की संख्या कम महसूस होने लगी है। 

80 लाख रुपए के कार्य होना बाकी
मोक्षधाम को अधिक व्यवस्थित बनाने का काम जनभागीदारी से जारी है। यहां 80 लाख रुपए के विभिन्न कार्य प्रस्तावित हैं। यहां धर्मेन्द्र मिगलानी, दीपक मिगलानी, अंबिका प्रसाद तुल्यसयान, हेमंत राय और शरद वन्पालिया ने एक-एक लाख रुपए का सहयोग दिया है। 

Created On :   7 Sep 2017 7:55 AM GMT

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