मेडिकल हास्पिटल में बंद पड़ी ‘ब्रेकी थेरेपी’ मशीन, वेटिंग लिस्ट 150 के पार

Breakie therapy machine gone damaged in the medical hospital
मेडिकल हास्पिटल में बंद पड़ी ‘ब्रेकी थेरेपी’ मशीन, वेटिंग लिस्ट 150 के पार
मेडिकल हास्पिटल में बंद पड़ी ‘ब्रेकी थेरेपी’ मशीन, वेटिंग लिस्ट 150 के पार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में कैंसर के मरीजों को ब्रेकी थेरपी के लिए तरस रहे हैं। उन्हें समय पर उपचार नहीं मिलने से बीमारी बढ़ने का खतरा बना हुआ है। 20 दिन से ब्रेकी थेरपी मशीन बंद पड़ी है। सोर्स खत्म होने से मशीन बंद पड़ी होने की जानकारी मिली है। समय रहते नया सोर्स डलवाया जाता, तो मरीजों को उपचार से वंचित रहने की नौबत नहीं आती। मेडिकल प्रशासन की लापरवाही से मरीजों पर खतरा मंडरा रहा है। मशीन बंद पड़ी रहने से प्रतीक्षा सूची 150 के पार चली गई है।

क्या है यह थेरेपी
ब्रेकी थेरपी के पहले कोबाल्ट मशीन से कैंसर के मरीजाें के शरीर के बाहरी हिस्से को सिकाई कर जख्म काे ठीक किया जाता है। उसके बाद शरीर के अंदर जख्मों के लिए ‘ब्रेकी थेरपी’ का उपयोग किया जाता है, लेकिन यह मशीन बंद होने से कैंसर मरीजों के शरीर के अंदर जख्म बढ़ने का खतरा बढ़ गया है।

गर्भाशय, अन्न नलिका के लिए जरूरी
गर्भाशय, अन्न नालिका, मुंह आदि के जख्मों की सिकाई के लिए ‘ब्रेकी थेरपी’ मशीन का उपयोग होता है। शरीर के बाहरी हिस्से का उपचार तो कोबाल्ट मशीन से हो रहा है, लेकिन ब्रेकी थेरपी से मरीज वंचित हैं। कोबाल्ट मशीन से उपचार के बाद मरीजों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। 

सोया रहा मेडिकल प्रशासन
ब्रेकी थेरपी मशीन के रख-रखाव का एग्रीमेंट 31 दिसंबर को खत्म हो जाएगा। मेडिकल प्रशासन को यह अच्छी तरह से मालूम है, बावजूद  प्रशासन 15 दिन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। एग्रीमेंट की कालावधि खत्म होने के 4-5 दिन पहले आपूर्ति कंपनी को नए सोर्स का ऑर्डर दिया गया है। यह मशीन काफी पुरानी है। कंपनी ने इसका उत्पादन बंद कर दिया है। सोर्स का ऑर्डर देने में और थोड़ी देर हो जाती, तो मशीन हमेशा के लिए बंद कर देनी पड़ती।

पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
ग्रीमेंट समाप्त होने पर टेक्नीशियन के चार्ज का मेडिकल पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। यदि समय पर सोर्स का ऑर्डर दिया जाता, तो सिर्फ उसी की कीमत चुकानी पड़ती। टेक्नीशियन का चार्ज देने की जरूरत नहीं थी। लापरवाही के कारण प्रशासन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
 

Created On :   31 Dec 2018 9:57 AM GMT

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