मां और नवजात बच्चे की बिगड़ रही सेहत, फीड कराने आ रही दिक्कत

Breastfeeding must be done for women up to 6 months of delivery
मां और नवजात बच्चे की बिगड़ रही सेहत, फीड कराने आ रही दिक्कत
मां और नवजात बच्चे की बिगड़ रही सेहत, फीड कराने आ रही दिक्कत

दीप्ति मुले, नागपुर। महिलाओं को प्रसव के 6 माह तक स्तनपान कराना आवश्यक होता है, जिससे बच्चे की हड्डियां मजबूत होने के साथ ही उसका शारीरिक विकास हो। लेकिन वर्किंग वुमन्स पर काम का प्रेशर और तनाव होने के कारण बच्चों को एक माह से ज्यादा स्तनपान कराने में दिक्कत आ रही है। गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. शिल्पी सूद ने बताया कि उनके पास रोज लगभग 20 से 25 प्रतिशत मामले इस तरह के हैं, जिसमें महिलाओं को स्तनपान कराने में परेशानी होती है। महिलाओं में प्रसव के एक माह बाद ही समस्या होने लगती है। बच्चे का विकास मां के दूध से ही होता है।  प्रसूताओं में दूध न बनने की शिकायत तेजी से बढ़ रही है। रोजमर्रा की जिंदगी में बढ़ते तनाव के कारण माताओं में प्रोलेक्टिन हार्मोन का सिक्रेशन घटा है। इसके कारण दूध न बनने की शिकायत  बढ़ रही है। इसका असर माता और शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।

तनाव से बढ़ रही परेशानी 
आजकल कोई भी चीज आसान नहीं रह गई है, मेरी बेटी एक महीने की है पर मैं अपनी बेटी को स्तनपान नहीं करा पा रही हूं। जिससे कि उसकी प्रापर ग्रोथ भी नहीं हो पा रही है जबकि बच्चे को कम से कम 6 महीने तक मां का दूध देना जरूरी होता है। पर डॉ. से चर्चा के दौरान पता चला कि जब स्ट्रेस फ्री लाइफ होगी तभी हार्मोन सिक्रेशन होगा। साथ ही ये समस्या हाउस वाइफ के साथ भी है। पर उनका प्रतिशत कम है क्योंकि वर्किंग वुमन्स को काम का तनाव अधिक होने के कारण ये समस्या सामने आ रही है। मैं प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हंू ज्यादा छुट्टी भी नहीं ले सकती। डॉक्टर ने बताया काम के तनाव के कारण इस तरह ही समस्या आ रही है।
-निशिता त्यागी, वर्किंग वुमन

मिल्क मेकिंग दवाएं भी कारगर नहीं
मुझे प्रसव के कुछ दिनों बाद ही दूध आना बंद हो गया, इसके लिए मैंने डॉक्टर से सलाह ली। कई दिनों तक मिल्क मेकिंग दवाएं भी लीं, पर इससे भी कोई असर नहीं हुआ। इससे बच्चे का विकास भी नहीं हो पा रहा था। फिर मैंने घरेलू उपचार लेना शुरू किया, जिसमें मेवा, जीरा, मेथी और इसके लिए दूध आने के फायदेमंद चीजें खाना शुरू कीं जिससे बेबी को फीड करा पा रही हंू। डॉक्टर ने बताया ज्यादातर ये समस्या वर्किंग वुमन्स में आ रही हैं पर हाउस वाइफ को किसी न किसी बात का टेंशन होता है इसलिए इस तरह की समस्या आ रही है।
-अंतरा साहू, हाउस वाइफ

प्रापर मैटरनिटी लिव न मिलना भी कारण
वर्किंग वुमन्स को फीड कराने में प्रॉब्लम हो रही है। क्योंकि मां के मस्तिष्क के हिस्से में हाइपोथेलेमस में पिट्यूट्री ग्रंथि ग्लैंड होती है जिससे प्रोलेक्टिन हार्मोन सिक्रेशन होता है। इससे ही मां को दूध बनता है। इस हार्मोन में सिक्रेशन तभी होगा जब मां तनाव से दूर रहेगी। तभी उसके मातृत्व का सुख मिल सकता है। मेरे पास प्रतिदिन इस तरह के केस आते हैं। जिसमें मां बच्चे को फीड न करा पाने की चिंता व्यक्त करती हैं। प्राइवेट जॉब होने के कारण महिलाओं को मैटरनिटी लिव भी इतनी नहीं मिलती है कि वह प्रापर आराम कर सकें। काम के तनाव के कारण प्रोलेक्टिन सिक्रेशन बंद हो जाता है जिससे दूध नहीं बनता है और इस तरह की समस्या आती है।                                              -डॉ. शिल्पी सूद, गायनेकोलॉजिस्ट

Created On :   21 March 2018 10:36 AM GMT

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