बजट में आम आदमी को क्या राहत दे सकते हैं जेटली

Budget 2018 FM Arun Jaitley may give relief to common men in this budget
बजट में आम आदमी को क्या राहत दे सकते हैं जेटली
बजट में आम आदमी को क्या राहत दे सकते हैं जेटली

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली गुरुवार को देश का आम बजट पेश करने वाले हैं। मोदी सरकार का ये आखिरी फुल बजट है। लिहाजा सरकार हर क्लास को खुश करने की कोशिश करेगी। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये साफ कर चुके हैं कि इस बार का बजट खुश करने वाला नहीं होगा। फिर भी अगले साल लोकसभा चुनाव हैं और उससे पहले 8 राज्यों के विधानसभा चुनाव, तो जाहिर है कि बजट थोड़ा तो चुनावी रहेगा। बजट पेश होने से पहले आम आदमी को सरकार से काफी उम्मीदें होती हैं और ऐसा माना जा रहा है कि अरुण जेटली इस बार आम आदमी को राहत देने वाला बजट पेश कर सकते हैं। आइए जानते हैं, इस बजट में वित्त मंत्री आम आदमी को क्या तोहफा दे सकते हैं?


1. टैक्स स्लैब में बदलाव हो सकता है :

 

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नोटबंदी और GST के बाद देश में टैक्सपेयर्स की संख्या में इजाफा हुआ है और इस बात का जिक्र इकोनॉमिक सर्वे में भी किया गया था। इसलिए इस बार टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है। इसके साथ ही ये भी माना जा रहा है कि सरकार अपने आखिरी फुल बजट में टैक्स छूट, हेल्थ इंश्योरेंस पर एक्स्ट्रा प्रॉफिट और एफडी पर ज्यादा से ज्यादा ब्याज देने का एलान कर सकती है।

2. घर और कार खरीदना हो सकता है सस्ता : 

 

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जीएसटी लागू होने के बाद मोदी सरकार का ये पहला बजट है और ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार कई चीजों को जीएसटी के दायरे में ला सकती है। सरकार प्रापर्टी को जीएसटी के दायरे में लाने पर सोच रही है। अगर ऐसा होता है तो आम आदमी के लिए घर खरीदना सस्ता हो सकता है। इस बात की उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि बिल्डर्स को अभी कंस्ट्रक्शन मटेरियल पर इनपुट टैक्स क्रैडिट मिल जाता है। ऐसे में सरकार रियल एस्टेट को जीएसटी में शामिल कर सकती है, साथ ही स्टांप ड्यूटी पर भी कुछ राहत दे सकती है। इसके अलावा सरकार इस बजट में कारों पर लगने वाले सेस पर भी छूट दे सकती है, जिससे नई और सेकंड हैंड कार खरीदना सस्ता हो जाएगा।

3. इन्वेस्टमेंट पर भी मिल सकती है छूट : 

 

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फिलहाल प्रॉविडेंट फंड, पीपीएफ, इंश्योरेंस और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट जैसी स्कीम्स में 1.5 लाख रुपए तक इन्वेस्टमेंट पर टैक्स छूट है, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट में जिस तरह से इंटरेस्ट रेट्स कम हो रहे हैं, उसके बाद ऑप्शनल इन्वेस्टमेंट स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए ये छूट सीमा 2 लाख रुपए तक बढ़ाई जा सकती है। इसके साथ ही बैंकों में टर्म डिपॉजिट पर टीडीएस छूट की लिमिट को भी बढ़ाया जा सकता है।

4. टैक्स फ्री ग्रैच्युटी की लिमिट बढ़ सकती है :

 

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अभी तक 5 साल या उससे ज्यादा की नौकरी करने पर 10 लाख रुपए तक की ग्रैच्युटी मिलती है, जो टैक्स फ्री है। लेकिन इस बार उम्मीद है कि "द पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी (अमेंडमेंट) बिल-2017" इस बजट सेशन में पास हो सकता है। अगर ये बिल पास हो जाता है तो 20 लाख रुपए तक की ग्रैच्युटी टैक्स फ्री हो सकती है।

5. मेडिकल अलाउंस की लिमिट बढ़ सकती है : 

 

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अभी नौकरीपेशा लोगों को 15,000 रुपए तक के मेडिकल अलाउंस पर टैक्स में छूट दी जाती है, लेकिन जिस तरह से हॉस्पिटल सर्विस महंगी हो रही है उसे देखते हुए उम्मीद है कि मेडिकल अलाउंस को बढ़ाया जा सकता है। माना जा रहा है कि सरकार इस बजट में 50,000 तक के मेडिकल अलाउंस पर टैक्स में छूट दे सकती है।

Created On :   31 Jan 2018 9:59 AM GMT

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