आम आदमी की जेब पर बोझ, 80 रुपए पार के हुए पेट्रोल-डीजल के दाम
डिजिटल डेस्क । अब देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज तय होती हैं। लोगों को उम्मीद थी की इससे दामों में कमी आएगी, लेकिन जनता की सोच से उलट देश में एक महीने में कई बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ चुके हैं। रोज-रोज कुछ पैसे बढ़ते-बढ़ते डीजल की कीमत 66 रुपए और पेट्रोल के दाम 80 रुपए के पार पहुंच गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार आ रही बढ़ोतरी के चलते ये बढ़त जारी है। इस बीच सरकार ने कहा है कि वो लगातार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश में जुटी हुई है। सोमवार को पेट्रोल की कीमतें एक बार फिर एक्साइज ड्यूटी घटाए जाने के पहले के स्तर पर पहुंच गई हैं। डीजल का भी यही हाल है। सोमवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 72.23 पैसे हो गई। ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल और केरोसीन को जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
GST परिषद जल्द लेगी फैसला
उन्होंने उम्मीद जताई कि GST परिषद जल्द ही इसको लेकर कोई फैसला ले सकती है। पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर उन्हेांने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं. दूसरी तरफ, राज्यों की तरफ से वसूले जाने वाले वैट की वजह से भी कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अगर पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाया जाता है, तो इससे इन दोनों की कीमतें 50 रुपए के तहत आ सकती हैं। इससे केंद्रीय स्तर पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और राज्यों की तरफ से वसूले जाने वालो वैट से आम आदमी को छुटकारा मिल जाएगा। GST के तहत इस पर परिषद ज्यादा से ज्यादा 28 फीसदी जीएसटी लगा सकती है।
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद बताया कि भले ही सभी राज्य फिलहाल इसके लिए राजी नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने के लिए तैयार है। इससे राह थोड़ी आसान हो जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि परिषद की अगली बैठक में इसको लेकर कोई फैसला हो सकता है।
Created On :   22 Jan 2018 8:34 AM GMT