बस यात्री होते रहे परेशान, क्षमता 55 की, ठूंसी 100 से ज्यादा सवारी

Bus passengers get worried, ride more than capacity
बस यात्री होते रहे परेशान, क्षमता 55 की, ठूंसी 100 से ज्यादा सवारी
बस यात्री होते रहे परेशान, क्षमता 55 की, ठूंसी 100 से ज्यादा सवारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव कार्य में स्टेट ट्रांसपोर्ट के नागपुर विभाग की 270 बसों को लगाया गया है, जिसका सीधा असर एसटी से जाने वाले यात्रियों पर पड़ा है। रविवार व सोमवार को यात्रियों को अपने गंतव्य पर जाने के लिए घंटों बसों का इंतजार करना पड़ा। जब बस आई तो बस में खड़े रहने के लिए भी जगह नहीं थी। ऐसे में नागपुर गणेशपेठ से जानेवाली बसें ओवरलोड स्थिति में नजर आईं। 

बसें रह गईं आधी
आम दिनों की तुलना में दिवाली के समय एसटी बसों से सफर करने वालों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में सामान्य  स्थिति में रहने वाली बसों की संख्या भी कम पड़ जाती है। नागपुर विभाग से वर्तमान में  कुल 580 बसें चलाई जाती हैं। 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए इनमें से 270 बसें चुनाव प्रक्रिया के लिए भेजी गई हैं। इससे विभाग में लगभग आधी बसें कम हो गईं हैं। इसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ा है। अमरावती, चंद्रपुर, नरखेड़, काटोल, पांढुर्णा, भंडारा, उमरेड़, नांदेड़ आदि जगहों पर जाने के लिए यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। आम दिनों इन दिशाओं में जाने वाली बस हर एक घंटे में यात्रियों को मिल जाती थीं। विधानसभा चुनाव में बसें भेजे जाने से बसों की कमी हो गई है और यात्री को 3 से 5 घंटे तक बसों के इंतजार में बैठना पड़ रहा है।  

खड़े-खड़े सफर
लाल बसों में 45 यात्री बैठकर व 11 यात्री खड़े होकर सफर कर सकते हैं। बसों की कमी के कारण कई बसों में 85 से 105 तक यात्रियों ने ठूंस-ठूस कर सफर किया। इसमें नागपुर से भंडारा गई एक बस ने एक दिन में 11 हजार रुपए तक की कमाई कर ली। 

निजी वाहनों ने की यात्रियों की लूट 
दिवाली के चलते इन दिनों कई ग्रामीण शहर में आकर खरीदारी करते हैं। कई लोग शादी-ब्याह समारोह में शामिल होने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं। एसटी बसों के नहीं मिलने से यात्री को निजी वाहनों की ओर भेज रहा था। इसका पूरा फायदा निजी बस चालकों ने व अवैध वाहन धारकों ने उठाया। यात्रियों से ज्यादा किराया वसूला गया।  

Created On :   22 Oct 2019 7:03 AM GMT

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