टाईगर रिजर्व के प्रबंधन को लेकर कैग की आलोचना, ताडोबा में अनियमित पर्यटन से चिंता

CAG criticized on the management of Tiger Reserve
टाईगर रिजर्व के प्रबंधन को लेकर कैग की आलोचना, ताडोबा में अनियमित पर्यटन से चिंता
टाईगर रिजर्व के प्रबंधन को लेकर कैग की आलोचना, ताडोबा में अनियमित पर्यटन से चिंता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के टाईगर रिजर्व के प्रबंधन को लेकर भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की है। कैग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि चंद्रपुर के ताडोबा-अंधारी बाघ अभ्यारण्य में अनियमित पर्यटन चिंता का विषय है। कैग ने जंगल सफारी के लिए जाने वाले पर्यटक वाहनों में जीपीएस लगाने की सिफारिश की है। महाराष्ट्र में छह बाघ अभयारण्य, पांच राष्ट्रीय उद्यान और 14 वन्यजीव अभयारण्य हैं। ये 9,116.80 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले हैं। कैग ने कहा है कि टाईगर रिजर्व के प्रबंधन को लेकर नीतियों पर सही ढंग से अमल नहीं किया जा रहा है। विधानमंडल के मानसून सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को दोनों सदनों में पेश कैग की रिपोर्ट में इन बिंदुओं पर सवाल उठाए गए। 

कुछ सवाल 

•    बाघ संवर्धन योजना के अनुसार ताडोबा के कोर क्षेत्र में प्रति दिन 117 वाहन जा सकते हैं। राज्य सरकार द्व्रारा टाईगर रिजर्व के लिए इको टूरिज्म को मान्यता देने के बाद प्रति 122 वाहनों की आवाजाही प्रस्तावित की गई। लेकिन ऐसा ज्ञात हुआ है कि 2012 से 2017 के दौरान 93 बार प्रति 122 से अधिक वाहन जंगल सफारी के लिए गए। यह अधिकता प्रतिदिन 2 से 51 वाहनों तक की रही। 
•    कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ताडोबा-अंधारी टाईगर रिजर्व के परिक्षेत्र कार्यालय (मोहार्ली) में पर्यटकों के लिए 8.57 लाख कीमत के 14 सीटर बैटरी चालित वाहन अप्रैल 2015 में खरीदे गए। लेकिन उबडखाबड जमीन योग्य न होने के कारण ये वाहन बेकार साबित हुए। मार्च 2018 तक इनका सिर्फ 45 बार इस्तेमाल किया गया। जून 2018 से ये वाहन बेकार पड़े हैं। 
•    22 महिनों के दौरान महाराष्ट्र को अपने 30 बाघ खोने पड़े हैं। जनवरी 2017 से अक्टूबर 2018 के दौरान इनकी मौत हुई। इनमें से सर्वाधिक बाघों की मौत चंद्रपुर, वर्धा, नागपुर व गडचिरोली में हुई
•    बाघो की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय बाघ संवर्धन प्राधिकरण ने  राज्य के 6 टाईगर रिजर्व में से चार के लिए विशेष बाघ संरक्षण बल तैयार करने की मंजूरी दी थी। पेंच टाईगर रिजर्व में विशेष बल को 247.07 वर्ग किलोमीटर के देखरेख की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन मेलघाट में यह क्षेत्र 922.84 वर्ग किलोमीटर है। 
•    टाईगर रिजर्व में वन्य प्राणियों व जंगल की सुरक्षा में तैनात गस्ती दलों के सुविधाओं का बेहद अभाव है। कैग की टीम ने 6 टाईगर रिजर्व के 44 संरक्षण शिविरों का दौरा किया। इनमें से कई शिविरों में कड़ी तक नहीं थी। 15 शिविरों में वायरलेस सिस्टम नहीं था। 3 शिविर में सौर ऊर्जा लाईट भी नहीं दी गई थी। कैग का कहना है कि संरक्षण शिविर में मूलभूत सुविधाओं के अभाव से नियमित गस्त प्रभावित हुई।   
•    इस दौरान 8 बाघ बिजली के तार की चपेट में आने से मारे गए। इस लिए कैग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि टाईगर रिजर्व से गुजरने वाले हाईटेंशन बिजली के तारों के लिए विद्युत रोधी होने चाहिए।  

Created On :   3 July 2019 2:45 PM GMT

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