नवजात का शव लेकर पैदल ही गांव के लिए चल दिए परिजन, अस्पताल प्रबंधन ने उपलब्ध नहीं करयी एम्बुलेंस

carelessness exposed in satna district hospital in newborn baby case
नवजात का शव लेकर पैदल ही गांव के लिए चल दिए परिजन, अस्पताल प्रबंधन ने उपलब्ध नहीं करयी एम्बुलेंस
नवजात का शव लेकर पैदल ही गांव के लिए चल दिए परिजन, अस्पताल प्रबंधन ने उपलब्ध नहीं करयी एम्बुलेंस

डिजिटल डेस्क, सतना। जिला अस्पताल में एक बार फिर मानवता शर्मशार हुई। अस्पताल में भर्ती नवाजात ने इलाज के दौरान अपना दम तोड़ दिया। जन्म के चार दिन बाद ही नवजात की मौत होने पर परिजनों ने जहां लापरवाही का आरोप लगया है, तो वहीं अस्पताल प्रबंधन ने पीडि़त परिवार की किसी भी प्रकार से मदद नहीं की। शव को ले जाने के लिए परिजन एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की गुहार लगाते रहे, लेकिन प्रबंधन ने उनकीएक नहीं सुनी। मजबूर माता-पिता ने अपने बच्चे का शव गोद में उठाकर गांव की ओर पैदल ही रवाना हो गए।

10 अक्टूबर को हुई थी डिलेवरी
बताया गया है कि मझगवां क्षेत्र के कठार गांव निवासी कामधेन मवासी की पत्नी चूममनी मवासी की 10 अक्टूबर को मझगवां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डिलेवरी हुई थी। पैदा होते ही नवजात की हालत खराब थी लिहाजा डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। परिजन उसी दिन शाम 4 बजे नवजात को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों ने नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एएसीएनयू) में भर्ती कर इलाज प्रारंभ किया लेकिन शनिवार को शाम तकरीबन 4 बजे उसकी मौत हो गई।

डॉक्टरों ने नहीं की मदद
 मृत नवजात के माता पिता को अस्पताल में सुविधाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब है। परिजन के मुताबिक नवजात की मौत के बाद एससीएनयू के डॉक्टरों ने किसी प्रकार की मदद नहीं कर पाने का हवाला देकर लाश अस्पताल से ले जाने का दवाब बनाया। जिसके बाद परिजन नवजात की लाश लेकर अस्पताल में भटकते रहे लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा।

समाजसेवियों ने की मदद
मृत नवजात के परिजन को शव घर लेकर जाने के लिए जिला अस्पताल से एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं की गई। अंत में हारकर मृतक के परिजन अस्पताल के बाहर खड़े निजी एम्बुलेंस संचालकों के पास पहुंचे। एम्बुलेंस संचालकों ने भी 3 हजार रुपयों की मांग की। गरीबी के बोझ तले दबे परिवार के पास 100 रुपए तक नहीं थे। ऐसे में 3 हजार रुपए का इंतजाम करना उनके लिए आसान काम नहीं था। जब कहीं से मदद नहीं मिली और रात के 10 बजने लगे तब कामधेन मृत नवजात की लाश गोद में लेकर अपनी पत्नी के साथ पैदल की गांव के लिए चल दिया। जैसे ही ये लोग स्टेशन रोड पर पहुंचे तो पुलिस ने रोककर इनसे पूछतांछ की। सारी जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने इन्हें छोड़ दिया। इस बीच पीडि़तों पर डा. प्रकाश सिंह और युवा समाजसेवी दीपक वसीन की नजर पड़ी। जिसके बाद डा. प्रकाश, दीपक और युवा समाज सेवी पवन मलिक ने सयहोग कर एम्बुलेंस की व्यवस्था कर दे रात पीडि़तों को गांव भेजा।

Created On :   14 Oct 2018 10:58 AM GMT

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