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जिला अस्पताल से 5 नवजातों के गायब होने का मामला, कलेक्टर ने सीएस से मांगा रिकॉर्ड
डिजिटल डेस्क, सतना। दुष्कर्म पीड़िता और अवैध प्रसव के बाद उनके नवजात शिशुओं के जिला अस्पताल से गायब होने के मामले को कलेक्टर मुकेश शुक्ल ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने सुबह-सबेरे ही अपने बंगले से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के सिविल सर्जन डॉ. एसबी सिंह को टेलिफोन कर इस मसले पर छ: माह का रिकॉर्ड खंगालकर ब्यौरा देने को कहा है। इस खुलासे के बाद मेटरनिटी विंग में खासी बेचैनी है।
क्या है पूरा मामला
जिला बाल कल्याण समिति ने 9 अगस्त को सिविल सर्जन को इस आशय का पत्र लिखा है कि बीते एक सप्ताह के दरमियान जिला अस्पताल में दुष्कर्म पीड़िता या फिर नाजायज तरीके से हुए प्रसव के बाद जन्मे 5 नवजात शिशुओं की जानकारी चाइल्ड लाइन को नहीं भेजी गई। समिति ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे बच्चे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से ही गायब हो गए। जबकि नियमन इन्हें चाइल्ड लाइन के जरिए मातृछाया के सुपुर्द करना चाहिए था। जानकारों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है जब समिति ने सीएस को इस आशय की चिट्ठी लिखी है, इससे पहले भी चाइल्ड लाइन की पहल पर बाल कल्याण समिति अस्पताल प्रबंधन से जवाब तलब कर चुका है।
मातृछाया ने लगाए गंभीर आरोप
अनाथ बच्चों की केयरटेकर मातृछाया को संचालित करने वाली सेवा भारती के जिलाध्यक्ष प्रदीप सक्सेना ने भी जिला अस्पताल के मेटरनिटी विंग में काम करने वाली पैरामेडिकल स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि नाजायज तरीके से जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एक रैकेट सुनियोजित तरीके से काम कर रहा है। इनके सम्पर्क में ऐसे परिवार होते हैं जो नि:संतान होते हैं। चूंकि गोद लेने की प्रक्रिया लम्बी है जिसके कारण लोग शॉर्टकट तरीके से बच्चा गोद लेना चाहते हैं।
सीएस कराएंगे जांच
दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद कलेक्टर ने इसे संज्ञान में लिया है। उन्होंने सिविल सर्जन को फोन कर मामले की तह तक जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वो स्वयं निगरानी करें कि दुष्कर्म पीड़िता के नवजात शिशु मातृछाया नहीं जाते तो जाते कहां हैं? कलेक्टर ने सीएस को छ: माह का रिकॉर्ड खंगालने को कहा है। कलेक्टर के निर्देश के बाद अब सिविल सर्जन भी मामले की पूरी जांच कराने की बात कर रहे हैं।
इनका कहना है
चाइल्ड लाइन के पत्र से ही पता चला कि जिला अस्पताल में ही ऐसा कुछ चल रहा है। मैं इस मामले की पूरी जांच कराऊंगा। इसके बाद ही पता चलेगा कि असल माजरा क्या है। वैसे ऐसा होने की संभावना बेहद कम है।
डॉ. एसबी सिंह सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
Created On :   11 Aug 2018 8:34 AM GMT