महिलाओं के खिलाफ अत्याचार मामले में CAWC सजा दिलाने में नाकाम 

CAWC Could not give any punishment to the accused since 2015
महिलाओं के खिलाफ अत्याचार मामले में CAWC सजा दिलाने में नाकाम 
महिलाओं के खिलाफ अत्याचार मामले में CAWC सजा दिलाने में नाकाम 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए बना महिला अत्याचार विरोधी प्रकोष्ठ (CAWC) अपने मकसद में बुरी तरह नाकाम रहा है। RTI से खुलासा हुआ है कि जनवरी 2015 से अब तक CAWC किसी भी आरोपी को सजा दिला पाने में नाकाम रहा है। इस दौरान प्रकोष्ठ को जांच के लिए जो 15 मामले मामले मिले उनमें से चार में फैसला आया लेकिन दो मामलों में आरोपी बरी हो गए जबकि अदालत ने दो मामले ही खारिज कर दिए।  

2015 से अब तक किसी आरोपी को नहीं दिला सका सजा  
CAWC मार्च 2013 में इस उम्मीद में बना था कि महिलाएं ज्यादा आसानी से अपने खिलाफ होने वाले यौन उत्पीड़न के मामलों की शिकायत कर सकें। लेकिन पांच साल के बाद भी इसके लिए मंजूर 77 पदों में से 31 रिक्त हैं। तीन साल में प्रकोष्ठ के पास कुल 1102 शिकायतें दर्ज कराई गईं हैं। इनमें 401 पारिवारिक उत्पीड़न के और 166 यौन उत्पीड़न के हैं। 

पत्नियों की शिकायत लेकर पहुंचे पति 
CAWC में 102 मामलों में पतियों ने अपनी पत्नियों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है। RTI कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे के मुताबिक बलात्कारियों को फांसी देकर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार को नहीं रोका जा सकता। हत्या के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है फिर भी साल 2016 में 30,400 हत्या के मामले दर्ज किए गए। न्याय दंड संहिता में तुरंत सुधार की जरूरत है जिससे शिकायत दर्ज करने और दोषियों को दंडित करने में आसानी हो। लंबे चलने वाले मुकदमों और इसकी कमजोरियों के चलते अपराधियों में कानून का डर नहीं है। बार-बार अपराध करने पर भी लोगों को जमानत मिल जाती है और राजनेताओं के संरक्षण से भी उनके हौसले बुलंद होते हैं। 
 

Created On :   18 April 2018 3:43 PM GMT

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