PNB के बाद इस बैंक में भी 389 करोड़ का फ्रॉड, CBI ने दर्ज किया केस

CBI files case against Delhi-based jeweller for Rs 389-crore OBC loan fraud
PNB के बाद इस बैंक में भी 389 करोड़ का फ्रॉड, CBI ने दर्ज किया केस
PNB के बाद इस बैंक में भी 389 करोड़ का फ्रॉड, CBI ने दर्ज किया केस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 11,356 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद अब ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) में भी फ्रॉड का मामला सामने आया है। 390 करोड़ रुपए की इस कथित गड़बड़ी के आरोप में CBI ने शुक्रवार को OBC की शिकायत पर दिल्ली के मशहूर ज्वेलर्स द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल के खिलाफ केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि OBC ने इस मामले में CBI को 6 महीने पहले ही शिकायत की थी।


कंपनी के मालिकों पर केस दर्ज

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) की ग्रैटर कैलाश-II ब्रांच से 2007 में फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल कंपनी ने 389.95 करोड़ रुपए का लोन लिया, जिसे अभी तक चुकाया नहीं गया है। बैंक की शिकायत पर CBI ने कंपनी के मालिक सभ्य सेठ और रीता सेठ के अलावा कंपनी से जुड़े हुए कृष्ण कुमार सिंह और रवि कुमार सिंह के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। ये कंपनी डायमंड, गोल्ड और सिल्वर ज्वैलरी की मेनुफैक्चरिंग और ट्रेडिंग का काम करती है।

बैंक ने 6 महीने पहले की थी शिकायत

बताया जा रहा है कि OBC ने 16 अगस्त 2017 को ही CBI से द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल कंपनी के खिलाफ शिकायत की थी। बैंक ने अपनी जांच में दावा किया था कि सभ्य सेठ समेत कंपनी के बाकी डायरेक्टर्स को बीते 10 महीनों से उनके घरों पर नहीं पाया गया है। बैंक ने ये भी दावा किया था कि कंपनी ने लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए कई क्रेडिट फैसिलिटीज का फायदा भी लिया। कंपनी को शक है कि सभ्य सेठ भी विदेश भाग चुका है।

क्या है  PNB घोटाला? 

देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले होने का खुलासा हुआ है। ये घोटाला बैंक की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। दरअसल, डायमंड करोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में डायमंड इंपोर्ट करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से कॉन्टेक्ट किया। आमतौर पर बैंक विदेशों से होने वाले इंपोर्ट के लिए LOU जारी करता है। इसका मतलब ये है कि बैंक नीरव मोदी के विदेश में मौजूद सप्लायर्स को 90 दिन के लिए भुगतान करने को राजी हुआ और बाद में पैसा नीरव को चुकाना था। इन्हीं फर्जी LOU के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों ने PNB को लोन देने का फैसला लिया गया। इस घोटाले को खुलासा तब हुआ, जब PNB के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी में दोबारा से LOU जारी करने की सिफारिश की। नए अधिकारियों ने ये गलती पकड़ ली और घोटाले की जांच शुरू कर दी। बैंक के मुताबिक, जनवरी में इस फर्जीवाड़े का पता चला तो 29 जनवरी को सीबीआई में शिकायत की और 30 जनवरी को FIR दर्ज हो गई।

 

Created On :   24 Feb 2018 3:40 AM GMT

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