एक बच्ची है तो नहीं लगेगी फीस दूसरी को 50 प्रतिशत की मिलेगी छूट, CBSE का निर्णय

CBSE decides to give relief for the parents of two girl childs
एक बच्ची है तो नहीं लगेगी फीस दूसरी को 50 प्रतिशत की मिलेगी छूट, CBSE का निर्णय
एक बच्ची है तो नहीं लगेगी फीस दूसरी को 50 प्रतिशत की मिलेगी छूट, CBSE का निर्णय

डिजिटल डेस्क, दमोह। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को गति देने के लिए हमेशा किसी ना किसी प्रकार का अभियान संचालित होता रहता है। इसी क्रम में सीबीएसई द्वारा भी एक निर्णय लेते हुए आदेश जारी किए हैं कि यदि परिवार में एक बच्ची है तो उसकी शिक्षा नि:शुल्क और यदि दो बच्चियां हैं तो उसमें एक बच्चे की निशुल्क और दूसरी बच्ची की फीस 50प्रतिशत ही वसूल की जाएगी। इस सुविधा के लिए छात्रा का स्कूल में प्रवेश पहली या फिर कक्षा छठवीं से प्रवेश होना अनिवार्य है। सीबीएसई से जुड़े हुए स्कूलों में भी इस आदेश का क्रियान्वयन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। परंतु कुछ निजी स्कूल संचालक इस आदेश को जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्राप्त होने का इंतजार कर रहे हैं।

सीबीएसई ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए बच्ची की शिक्षा को निशुल्क और दो बच्ची होने पर एक की पढ़ाई में आधा शुल्क लेने का आदेश जारी किया है। सीबीएसई द्वारा इस आदेश को अपनी वेबसाइट पर अभिभावकों की सफलता के कारण अपलोड भी कर दिया है। इसके साथ साथ सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भी इस परिपत्र की प्रति अग्रेषित कर दी है अब सभी स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश भी किया जा रहा है।

इस नई व्यवस्था को केंद्रीय विद्यालयों व सीबीएसई संचालित निजी स्कूलों में भी लागू किया गया है। हालांकि स्कूल आने जाने के लिए बस सुविधा के अलावा कुछ अन्य शुल्क अभिभावकों को जमा करना होगा। इसके लिए निर्धारित नियमों के तहत जरूरी दस्तावेज दिया जाना अनिवार्य रहेगा। यदि किसी अभिभावक के एक बेटा और बेटी है तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे अभिभावकों को इस योजना से बाहर रखा गया है। निशुल्क शिक्षा के नियमों में एक बेटी या दो बेटी होना अनिवार्य है। इस योजना के तहत पात्र लोगों को इसका लाभ लेने के लिए निर्धारित किए गए मापदंडों के तहत प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करना होगा।

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के समय केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को वर्ष 2008 में ही लागू कर दिया था। देश के दूसरे शहरों में सीबीएसई पैटर्न के स्कूलों में इस योजना को अनिवार्य किया गया था। परंतु निजी स्कूलों के लिए इसको लागू किए जाने के संबंध में फैसला लिए जाने की बात निजी स्कूल संचालकों पर ही छोड़ दी गई थी। इसके कारण निजी स्कूल के संचालकों ने इसका लाभ इस योजना में आने वाली बच्चियों को नहीं दिया था। परंतु अब नए आदेश जारी होने से इन सभी स्कूलों को इसका लाभ देना अनिवार्य रहेगा। इस परिपत्र का पालन सभी स्कूलों को अति आवश्यक रूप से करना होगा।

वर्तमान में शिक्षण संस्थान द्वारा मनमाने तौर पर इतनी अधिक फीस वसूली जा रही है, जिसके कारण अभिभावक बच्चों को पढ़ाने के लिए भी चिंतित हैं। इस योजना की लाभ दिलाने के लिए यह अति आवश्यक होगा कि प्रशासन भी इस दिशा में कड़े कदम उठाएं और जिन संस्थाओं द्वारा इस योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। उनके विरुद्ध अति आवश्यक रूप से कार्यवाही करें, तभी अभिभावकों को इस योजना का लाभ मिल सकता है।

इनका कहना है
सीबीएसई बोर्ड द्वारा बच्चियों की शिक्षा के संबंध में निजी स्कूलों को आदेश जारी किया है और इसका पालन शिक्षा विभाग के माध्यम से कराया जाना है।
अनूप अवस्थी, प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय दमोह

सीबीएसई बोर्ड का आदेश प्राप्त हो गया है। इस संबंध में सभी सीबीएसई पैटर्न के स्कूलों को निर्देशित किया जा रहा है कि वह इस परिपत्र का अति आवश्यक रूप से पालन करें।
रवि सिंह बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी दमोह

 

Created On :   3 April 2019 8:42 AM GMT

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