एग्जाम से एक दिन पहले ही मिल गई थी आंसर शीट : CBSE ने शिकायत में बताया

CBSE got answer sheet of leaked paper through fax on 26 March
एग्जाम से एक दिन पहले ही मिल गई थी आंसर शीट : CBSE ने शिकायत में बताया
एग्जाम से एक दिन पहले ही मिल गई थी आंसर शीट : CBSE ने शिकायत में बताया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 10वीं मैथ्स और 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर लीक होने की वजह से एग्जाम फिर से कराने का फैसला लिया है। इसके बाद CBSE ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। CBSE ने अपनी शिकायत में बताया है कि 12वीं इकोनॉमिक्स के एग्जाम से एक दिन पहले ही बोर्ड को हाथ से लिखी हुई आंसर शीट मिल गई थी। ये आंसर शीट बोर्ड को पेपर लीक करने वालों ने भिजवाई थी। वहीं इस पूरे मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई है।

 



CBSE ने अपनी शिकायत में क्या बताया?

1. शिकायत के मुताबिक CBSE को 23 मार्च को शाम 4:22 बजे अज्ञात सोर्स से एक फैक्स आया, जिसमें राजेंद्र नगर सेक्टर-8 में चल रहे एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के पेपर लीक में शामिल होने की जानकारी दी गई थी। इस फैक्स के जरिए ये भी बताया गया कि राजेंद्र नगर के ही दो स्कूल भी पेपर लीक करने में शामिल हैं।

2. इस शिकायत को 24 मार्च को CBSE के रीजनल ऑफिस में भेज दिया गया। उसी दिन CBSE के रीजनल ऑफिस ने इस शिकायत को इंस्पेक्टर सुशील यादव को वॉट्सएप पर फॉरवर्ड कर दिया। 

3. CBSE ने अपनी शिकायत में बताया है कि एक अज्ञात शख्स की तरफ से 26 मार्च की शाम 6 बजे के आसपास 4 पेजों की हाथ से लिखी हुई आंसर शीट मिली। ये आंसर शीट 12वीं इकोनॉमिक्स के पेपर की थी, जो एक लिफाफे में पैक कर CBSE एकेडमिक यूनिट को भेजी गई थी।

पेपर लीक के मामले में 2 केस दर्ज

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया है कि पेपर लीक के मामले में 2 केस दर्ज किए गए हैं। CBSE की शिकायत पर पहला केस 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर लीक होने के मामले में 27 मार्च को दर्ज किया गया था, जबकि 10वीं पेपर लीक होने का मामला 28 मार्च को दर्ज किया गया है। दोनों मामले इंडियन पेनल कोड के सेक्शन-420, 120B और 406 के तहत दर्ज किए गए हैं।

जांच के लिए SIT का गठन

इस पूरे मामले के लिए दिल्ली पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है। SIT का नेतृत्व ज्वॉइंट कमिश्नर आलोक कुमार करेंगे। जबकि इस टीम में डीसीपी और एसीपी रैंक के पुलिसकर्मी शामिल है।

कम से कम 19 लाख स्टूडेंट्स पर होगा असर

रिपोर्ट्स के मुताबिक CBSE हर साल 24 बोर्ड एग्जाम कराता है, जिसमें करीब 1 करोड़ 20 लाख स्टूडेंट्स हिस्सा लेते हैं। इस साल 16,38,428 स्टूडेंट्स ने 10वीं बोर्ड और 11,86,306 स्टूडेंट्स ने 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम दिए हैं। अब पेपर लीक होने की वजह से और दोबारा एग्जाम होने से देशभर के करीब 19 लाख स्टूडेंट्स पर असर पड़ेगा।

अब ऐसे होंगे दोबारा एग्जाम

इस पूरे मामले पर HRD मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि CBSE एग्जाम के पेपर लीक को रोकने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं और अब जो एग्जाम दोबारा हो रहे हैं, उनके लिए फूलप्रूफ सिस्टम लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि "इलेक्ट्रॉनिकली कोडेड एग्जाम पेपर को एग्जाम से आधे घंटे पहले एग्जामिनेशन सेंटर्स को भेजा जाएगा। CBSE का पेपर पूरी तरह पासवर्ड प्रूफ होगा और सेंटर पर ही प्रिंट आउट निकालकर पेपर स्टूडेंट्स को दिया जाएगा।"

CBSE के पेपर को कौन सेट करता है?

पेपर सेट करने के लिए CBSE 4-5 एक्सपर्ट्स की एक टीम बनाती है, जिसमें कॉलेज टीचर्स और स्कूल टीचर्स शामिल रहते हैं। ये लोग हर एग्जाम पेपर के तीन वर्जन बनाते हैं। इसके बाद ये तीनों वर्जन सीलबंद लिफाफे में यूनिवर्सिटी टीचर्स, स्कूल टीचर्स और प्रिंसिपल की कमेटी को भेजे जाते हैं। ये कमेटी पेपर को अच्छी तरह से चेक करते हैं और जब पेपर बोर्ड स्टैंडर्ड के पैमाने पर खरा उतरता है, तो इसे सीलबंद लिफाफे में CBSE को भेज दिया जाता है।

बैकअप के लिए 18 सेट बनाए जाते हैं

CBSE बोर्ड एग्जाम के लिए दिल्ली स्कूल के टीचर्स 3 सेट बनाते हैं, दिल्ली के बाहर के स्कूल भी 3 सेट बनाते हैं। जबकि पेपर के 3 और सेट इंडिया के बाहर के स्कूलों से बनकर आते हैं। इसके अलावा 18 सेट अलग से बैकअप के लिए तैयार किए जाते हैं। इन सभी सेट्स में बस क्वेश्चन का सीक्वेंस बदल दिया जाता है, जबकि क्वेश्चन एक ही रहते हैं। ये पूरी प्रोसेस हर साल जुलाई या अगस्त से शुरू हो जाती है। 

Created On :   29 March 2018 6:15 AM GMT

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