10वीं मैथ्स का नहीं होगा री-एग्जाम, CBSE ने लिया फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 10वीं मैथ्स का री-एग्जाम नहीं कराने का फैसला लिया है। इस बात की जानकारी एजुकेशन सेक्रेटरी अनिल स्वरूप ने दी। उन्होंने खुद ट्वीटर पर बताया कि 10वीं मैथ्स का री-एग्जाम कहीं भी नहीं होगा। इससे पहले बोर्ड ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो 10वीं मैथ्स का दोबारा एग्जाम दिल्ली-हरियाणा रीजन में जुलाई में कराया जा सकता है। हालांकि 12वीं के स्टूडेंट्स को कोई राहत नहीं मिली है, उनका एग्जाम 25 अप्रैल को ही होगा।
Consequent to the preliminary evaluation of the impact of reportedly leaked CBSE class 10 maths paper keeping in mind the paramount interest of students, CBSE has decided not to conduct re-examination even in the states of Delhi NCR and Haryana. Hence, no re-exam for class 10
— Anil Swarup (@swarup58) April 3, 2018
क्यों लिया गया ये फैसला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद CBSE ने 10वीं मैथ्स की कुछ कॉपियों को रैंडम चेक किया था, जिसमें पाया गया कि कॉपियों में सब कुछ सामान्य है। इसका मतलब ये हुआ कि पेपर लीक का असर स्टूडेंट्स की आंसर शीट पर नहीं पड़ा है, जिसके आधार पर ही बोर्ड ने दोबारा एग्जाम नहीं कराने का फैसला लिया है।
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फैसले से कितने स्टूडेंट्स पर होगा असर?
रिपोर्ट्स के मुताबिक CBSE हर साल 24 बोर्ड एग्जाम कराता है, जिसमें करीब 1 करोड़ 20 लाख स्टूडेंट्स हिस्सा लेते हैं। इस साल 16 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने 10वीं बोर्ड का एग्जाम दिया था। अब बोर्ड ने 10वीं मैथ्स का री-एग्जाम नहीं कराने का फैसला लिया है, जिसका असर देशभर के 16, 38,428 स्टूडेंट्स पर होगा।
हाईकोर्ट ने कल ही लगाई थी फटकार
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में CBSE पेपर लीक के मामले में एक पिटीशन फाइल की गई थी, जिसमें 10वीं मैथ्स का री-एग्जाम जुलाई की बजाय अप्रैल में ही कराने की मांग की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बोर्ड और केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि 10वीं मैथ्स का री-एग्जाम जल्द कराने का फैसला जल्दी क्यों नहीं लिया जा रहा है? इसके लिए 2 महीने का वक्त क्यों लिया जा रहा है? हाईकोर्ट ने इस पर सरकार और बोर्ड से 10 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा था।
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सुप्रीम कोर्ट में कल से होनी है सुनवाई
वहीं 10वीं मैथ्स और 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर दोबारा कराए जाने के फैसले के खिलाफ पेपर लीक के मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी 3 पिटीशंस फाइल की गईं हैं, जिनपर सुनवाई करने केलिए कोर्ट तैयार हो गया है। इन तीनों पिटीशंस पर एक साथ सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 अप्रैल की तारीख तय की है। इन पिटीशंस में CBSE के इस फैसले को गलत बताते हुए पेपर लीक के मामले की जांच CBI से कराए जाने की भी मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 26 मार्च को 12वीं इकोनॉमिक्स का और 28 मार्च को 10वीं मैथ्स का एग्जाम हुआ था। जिसके बाद CBSE ने इन दोनों एग्जाम्स के पेपर लीक होने का अंदेशा जताते हुए इन दोनों एग्जाम को दोबारा कराने का फैसला लिया था। एग्जाम से पहले ही पेपर लीक होने की बात कही जा रही थी, लेकिन एग्जाम के बाद CBSE ने पेपर लीक की बात को माना और पेपर को कैंसिल कर दिया। बताया जा रहा है कि 10वीं मैथ्स का पेपर वॉट्सएप के जरिए लीक हुआ था, जबकि 12वीं इकोनॉमिक्स के पेपर लीक होने की वजह अभी तक सामने नहीं आई है। पेपर लीक होने के बाद बोर्ड ने 12वीं इकोनॉमिक्स के री-एग्जाम के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है, जबकि 10वीं मैथ्स का पेपर सिर्फ दिल्ली-हरियाणा रीजन में ही दोबारा कराया जाएगा। हालांकि इसकी तारीखों का ऐलान अभी नहीं किया गया है।
Created On :   3 April 2018 5:44 AM GMT