रूफटॉप सोलर एनर्जी प्लांट पर महावितरण की याचिका खारिज, रूफटॉप मीटरिंग लगान वालों को बड़ी राहत

central govt is promoting  solar energy but at the same time there are issues with Mahavitran in MH
रूफटॉप सोलर एनर्जी प्लांट पर महावितरण की याचिका खारिज, रूफटॉप मीटरिंग लगान वालों को बड़ी राहत
रूफटॉप सोलर एनर्जी प्लांट पर महावितरण की याचिका खारिज, रूफटॉप मीटरिंग लगान वालों को बड़ी राहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक ओर केंद्र सोलर एनर्जी प्लांट के प्रचार-प्रसार में जुटी है, तो दूसरी ओर महावितरण सौर जनित विद्युत के लिए सबसे लोकप्रिय और अम उपभोक्ताओं द्वारा अपनाई जाने वाली योजना रूफटॉप नेटमीटरिंग की बखिया उधेड़ने में लगी है। इस बीच, महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग ने याचिका खारिज कर महावितरण के मंसूबों पर पानी फेर दिया। रूफटॉप नेटमीटरिंग योजना से खफा महावितरण ने आयोग के समक्ष याचिका दायर कर रूफटॉप पैनल लगाकर सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वालों पर 1 रुपए 28 पैसे की दर से सरचार्ज लगाने की अनुमति मांगी थी। साथ ही बिल बनाने के लिए नेटमीटरिंग प्रणाली की जगह ग्रास-मीटरिंग प्रणाली अपनाने की अनुमति मांगी थी। आयोग ने महावितरण की दोनों मांगों को खारिज कर दी कि ये मुद्दे एमईआरसी के नेटमीटरिंग फार सोलर रूफटॉप फोटो-वोल्जिक सिस्टम रेग्यूलेशन 2015 के अंतर्गत हैं। इसलिए इसे टेरिफ रिव्यू के अंतर्गत नहीं सुना जा सकता। 

क्या कहना था महावितरण का
महावितरण का कहना है कि रूफटॉप योजना ऊंची खपत वाली श्रेणी के उपभोक्ताओं में लोकप्रिय है। रूफटॉप सौर पैनल लगाकर वे निचली अनुदानित श्रेणी में आ जाते हैं। इससे महावितरण को राजस्व का नुकसान तो होता ही है। साथ ही क्रास-सब्सिडी में असंतुलन भी होता है। इसका असर पारंपरिक बिजली प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर सीधा पड़ता है। 

क्या है नेट व गास मीटरिंग
नेटमीटरिंग में उपभोक्ता जो बिजली सौर पैनल से उत्पन्न करता है और जो बिजली वह प्रयोग करता है, उसके अंतर के लिए ही उसे भुगतान करना होता है या भुगतान प्राप्त करता है। जबकि ग्रास मीटरिंग में उपभोक्ता द्वारा उत्पादित बिजली महावितरण को जाएगी। महावितरण उसके लिए उपभोक्ता को उसकी औसत सौर ऊर्जा खरीद की दर से भुगतान करेगा, जबकि उपभोक्ता द्वारा प्रयोग की गई बिजली के लिए उसे श्रेणी के अनुसार बिल का भुगतान करना होगा। उल्लेखनीय है सोलर एनर्जी प्लांट से होने वाले फायदे का लाभ सरकार भी उठाना चाहती है और सरकार ने अपने कई बड़े प्रोजेक्ट में इसे प्राथमिकता दी है ऐसे में महावितरण का विरोध गलत माना जा रहा है।

Created On :   17 Sep 2018 8:04 AM GMT

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