कुनबा बढ़ाने चंबल के घडिय़ाल सोन अभ्यारण्य में छोड़े गए 

Chambals gongs are left in the Sone sanctuary
कुनबा बढ़ाने चंबल के घडिय़ाल सोन अभ्यारण्य में छोड़े गए 
कुनबा बढ़ाने चंबल के घडिय़ाल सोन अभ्यारण्य में छोड़े गए 


डिजिटल डेस्क सीधी। सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य में पांच नर घडिय़ाल छोड़े गए हैं। घडिय़ालों की वंश वृद्धि के लिए चम्बल सेंचुरी से लाए गए नर घडिय़ालों को मिलाकर आधा सैकड़ा से ऊपर घडिय़ालों की संख्या हो गई है। सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य में नर घडिय़ाल कम संख्या में रहे हैं। 
सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य में छोड़े गए घडिय़ाल नेशनल चम्बल सेंचुरी देवरी मुरैना प्रजनन केन्द्र से लाए गए हैं। इसके पूर्व अभ्यारण्य में 45 घडिय़ाल रहे हैं। नर घडिय़ाल छोड़े जाने से संख्या बढऩे की उम्मीद की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी नर घडिय़ाल काफी कम संख्या में रहे हैं जिस कारण घडिय़ालों की वंशवृद्धि नहीं हो रही थी।  अभ्यारण्य क्षेत्र में घडिय़ाल को छोडऩे के दौरान अशोक मिश्रा सीसीएफ संजय टाईगर रिजर्व, मनोज कटारिया, गुठई प्रसाद साकेत, अभय प्रताप सेंगर मौजूद रहे। 
 जोगदहा घाट मेें है घडिय़ालों का बसेरा
यूं तो सीधी जिले की शुरू से लेकर आखिरी तक सोन नदी की सीमा घडिय़ाल अभ्यारण्य के लिये आरक्षित की गई है किंतु जोगदहा घाट में घडिय़ाल देखे जा सकते हैं। यहां नवंबर व दिसंबर महीने में घडिय़ाल को देखने के लिये पर्यटक भारी संख्या में आते हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिये अभ्यारण्य द्वारा दूरबीन सहित अन्य व्यवस्थायें की गई हैं जिससे दूर दराज से आने वाले पर्यटक आसानी से घडिय़ालों को देख सकें। वहीं सुरक्षा के हिसाब से गार्ड तैनात किये गये हेेंै ताकि नदी के अंदर लोग न जा सकें। खास बात तो यह है कि घडिय़ालों को देखने के लिये एक खास जगह बनाई गई है जहां से पर्यटक आसानी से घडिय़ालों को देखते हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिये स्पाटिंग स्कोप के साथ दूरबीन भी लगाया गया है। 
इनका कहना है-
सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य में सोमवार को पांच नर घडिय़ाल छोड़े गए हैं। पर्यटकों के लिये स्पाटिंग स्कोप और दूरबीन की व्यवस्था की गई है। पर्यटकों को कोई दिक्कत न हो इसके लिये विभाग द्वारा इंतजाम किया गया है। 
अशोक मिश्रा
सीसीएफ, संजय टाईगर रिजर्व सीधी। 

Created On :   9 Dec 2019 4:09 PM GMT

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