ट्रंप ने किया नीति में बदलाव, अब आसानी से खरीदे जा सकेंगे मिलिट्री ड्रोन

Change in policy for export Of Military Drones by america
ट्रंप ने किया नीति में बदलाव, अब आसानी से खरीदे जा सकेंगे मिलिट्री ड्रोन
ट्रंप ने किया नीति में बदलाव, अब आसानी से खरीदे जा सकेंगे मिलिट्री ड्रोन
हाईलाइट
  • अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की नई नीति से मिलिट्री ड्रोन की खरीद आसान होने जा रही है।
  • डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी एजेंसियों को दिए आदेश में कहा है कि विदेशों में तेजी से हथियारों की बिक्री को विस्तार दिया जाए।
  • भारत जैसे देशों के लिए अमेरिका का यह कदम काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
  • भारत बड़ा डिफेंस पार्टनर होने के नाते अमेरिका से बड़ी मात्रा में हथियार और सर्विलांस ड्रोन खरीदने की

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की नई नीति से मिलिट्री ड्रोन की खरीद आसान होने जा रही है। भारत जैसे देशों के लिए अमेरिका का यह कदम काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी एजेंसियों को दिए आदेश में कहा है कि विदेशों में तेजी से हथियारों की बिक्री को विस्तार दिया जाए। ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में रोजगार के अवसर भी बढ़ने की संभावना है। 

अमेरिका की नई प्रशासनिक नीति
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रटरी साराह सैंडर्स ने बताया कि अमेरिका में बने मानवरहित एरियल सिस्टम के एक्सपोर्ट के लिए अमेरिकी प्रेसिडेंट ने नई प्रशासनिक नीति बनाने की बात कही है। ट्रंप ने एक नेशनल सिक्यॉरिटी प्रेजिडेंशल मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें नई कन्वेंशनल आर्म्स ट्रांसफर (सीएटी) पॉलिसी को मान्यता दी गई है। नई सीएटी पॉलिसी राष्ट्रपति की नैशनल सिक्यॉरिटी स्ट्रैटेजी में उनकी प्राथमिकताओं को दर्शाती है, जिसके तहत सभी अमेरिकी सरकारी एजेंसियां प्रस्तावित हथियारों के ट्रांसफर की समीक्षा और उनका मूल्यांकन करेंगी और अमेरिकी कंपनियों द्वारा वाणिज्यिक रक्षा बिक्री को मंजूरी देंगी। 

भारत को मिलेगा फायदा
सैंडर्स ने कहा, "ये नई नीतियां अमेरिकी सहयोगियों और भागरीदारों को मजबूती देंगी। भारत बड़ा डिफेंस पार्टनर होने के नाते अमेरिका से बड़ी मात्रा में हथियार और सर्विलांस ड्रोन खरीदने की प्लानिंग कर रहा है। यहीं वजह है कि अमेरिका के नीति में बदलाव का फायदा भारत को भी मिल सकता है। आने वाले 10 सालों में भारतीय सेना ने 400 ड्रोन की मांग की है, इनमें कॉम्बैट और सबमरीन से लॉन्च होने वाले रिमोट पायलेटेड एयरक्राफ्ट के साथ-साथ हाई एनर्जी लेजर और हाई पावर माक्रोवेव्स की क्षमता वाले एनर्जी हथियार भी शामिल हैं। 

यूएएस टेक्नॉलजी में अमेरिका सबसे आगे
वहीं राष्ट्रपति के सलाहकार पीटर नेवारो ने ट्रेड ऐंड मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी को लेकर कहा कि सहयोगियों और भागीदारों की अमेरिकी हथियारों तक पहुंच को बढ़ाने से चीन पर न सिर्फ निर्भरता कम हो जाएगी, बल्कि रशियन सिस्टम पर भी प्रतिबंध होगा। उन्होंने कहा कि यूएएस टेक्नॉलजी में अमेरिका सबसे आगे है।

Created On :   20 April 2018 3:10 PM GMT

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