वृद्धा के साथ दुराचार कर हत्या करने वाले आरोपी को सजा-ए-मौत

Chhatarpur : 25 year old rape accused youth got death sentence
वृद्धा के साथ दुराचार कर हत्या करने वाले आरोपी को सजा-ए-मौत
वृद्धा के साथ दुराचार कर हत्या करने वाले आरोपी को सजा-ए-मौत

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। मानवता को शर्मशार कर 75 साल की वृद्ध महिला के साथ दुराचार करने और हत्या करने के मामले में विशेष न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।

अकेली रहती थी मृतका
22 फरवरी 2017 को सिविल लाइन थाना में एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि वह 75 वर्षीय मृतका के घर में किराए से रहती है। 21 फरवरी की रात को वह मृतका को खाना खिलाकर अपने कमरे में चली गई थी। सुबह करीब 5 बजे उसने देखा कि मृतका के कमरे का सामान बिखरा पड़ा था। उसके शरीर में चोटें थी और गुप्तांग से खून बह रहा था। मृतका का घायल हालत में जिला अस्पताल लाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज किया और घटना स्थल से एक चश्मा और शर्ट के बटन बरामद किए। 28 फरवरी को इलाज के दौरान  पीड़िता की ग्वालियर में मौत हो गई। चश्मे के आधार पर रीबू उर्फ अखबर खान उम्र 25 साल निवासी नया मोहल्ला को हिरासत से लेकर पूछताछ की।

रीबू ने पुलिस को बताया कि वह घटना दिनांक को शादी से वापिस लौट रहा था। रात करीब एक बजे पीड़ित के घर में घुस गया था। घर में पीड़िता अकेली सो रही थी उसी दौरान उसने वृद्धा के साथ मारपीट कर जबरन दुराचार किया। पीड़िता बेहोश हो गई थी और उसका चश्मा मौके पर ही गिर गया था। छीना झपटी में उसकी शर्ट का बटन भी टूट गया था। 28 फरवरी को इलाज के दौरान तत्कालीन एसपी ललित शाक्यवार ने मामले को जघन्य सनसनीखेज मामले के रूप में चिंहित किया।

प्रयोगशाला सागर में हुआ मिलान
पुलिस ने मौके से जब्त बटन और घटना के समय पहने खून एवं जैविक पदार्थ से लगे कपड़े राज्य न्यायालिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर जांच के लिए भेजे गए। जांच में यह प्रमाणित हुई कि मौके पर जब्त बटन आरोपी रीबू के शर्ट का था। आरोपी के कपड़ों में मृतका का खून पाया गया। जैविक पदार्थ के मिलान की पुष्टि हुई।

न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने सुनाई सजा:
तत्कालीन एएसपी बीकेएस परिहार और एडीपीओ केके गौतम ने लगातार मामले की समीक्ष एवं मॉनीटरिंग की। अभियोजन की ओर से डीपीओ एसके चतुर्वेदी ने पैरवी करते हुए गवाहों और सबूत अदालत में पेश कर आरोपी को कठोर सजा देने की अपील की। विशेष न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने आईपीसी की धारा 450 में दस साल की कठोर कैद दो हजार रुपए जुर्माना, धारा 376 में उम्रकैद के साथ पांच हजार रुपए जुर्माना और धारा 302 में मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई है।

 

Created On :   6 Feb 2019 12:47 PM GMT

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