छठ महापर्व की शुरुआत,  सजे तालाब, आज खरना

Chhath Mahaparva 2018 celebration started with kharna in maharashtra
छठ महापर्व की शुरुआत,  सजे तालाब, आज खरना
छठ महापर्व की शुरुआत,  सजे तालाब, आज खरना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उत्तर भारतीयों द्वारा बड़े उत्साह से मनाए जाने वाले छठ पर्व उपराजधानी में भी मनाया जा रहा है। छठपूजा की संपूर्ण व्यवस्था गत 4 वर्षों से नागपुर महानगरपालिका द्वारा की जा रही है। शहर के आंबाझरी तालाब, फुटाला तालाब, गोरेवाड़ा तालाब पर सुरक्षा की दृष्टि से बेरिकेडिंग, संपूर्ण परिसर में प्रकाश व्यवस्था, सार्वजनिक सूचना के लिए ध्वनि क्षेपक (साउंड सिस्टम), स्वागत कक्ष एवं श्रृद्धालुओं की पूजन व्यवस्था के लिए सुरक्षित घाटों का अस्थायी निर्माण सहित अनेक व्यवस्था की गई है। मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्य के कारण अंबाझरी परिसर में प्रवेश के स्थान पर जो व्यवधान था, उसका समाधान मेट्रो रेल के सहयोग से किया गया। परिसर की वाहतुक व्यवस्था का संचालन एवं नियंत्रण वास्तु कला पुलिस द्वारा किया जाएगा।

10 लाख रुपए खर्च कर रही NMC
पर्व के व्यवस्थापन के लिए मनपा करीब 10 लाख रुपए की निधि का नियोजन करती है। किसी प्रकार की दुर्घटना न हो, इस दृष्टि से अग्निशमन विभाग की डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम को तैनात रहेगी। मनपा स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य केंद्र एवं आपातकालीन स्थिति के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। वरिष्ठ नगरसेवक दयाशंकर तिवारी, नगरसेविका रूपा राय, सहायक आयुक्त महेश मोरोणे के नेतृत्व में व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है। छठ माता के पूजन विधि एवं सूर्य नारायण को अर्घ्य देते समय छठ व्रतियों के स्वागतार्थ महापौर नंदाताई जिचकर, उपमहापौर दीपराज पार्डीकर, स्थायी समिति सभापति वीरेन्द्र कुकरेजा, सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी, विपक्ष नेता तानाजी वनवे उपस्थित रहेंगे। 

दिन भर उपवास के बाद छठ मैया की पूजा कर रोटी और खीर खाई जाती है
नहाए-खाए के बाद आज खरना है। खरना में दिनभर के उपवास के बाद छठ मैया की पूजा कर शाम को रोटी और खीर खाई जाती है। मंगलवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। अंबाझरी तालाब पर छठ पूजा के लिए बनाए जा रहे पूजा घाट की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। उत्तर भारतीय सभा के िवदर्भ अध्यक्ष उमाकांत अग्निहोत्री और िजला अध्यक्ष रामप्रताप शुक्ला ने कहा कि छठ महापर्व आस्था और अटूट श्रद्धा का पर्व है। उत्तर भारतीय सभा छठ समिति के अध्यक्ष राकेश सिंह के नेतृत्व में लोहे से बने पूजाघाट  नि:शुल्क लगाए जा रहे है। व्रतियों की सुरक्षा के लिए पानी में हवा भरे ट्यूब लगाए जाएंगे। तालाब िकनारे के सभी पत्थरों को सुव्यवस्थित ढंग से लगाया गया है, ताकि व्रतियों को असुविधा न हो। 

वैज्ञानिक कारण:  पराबैंगनी किरणों के कुप्रभावों से रक्षा करने का सामर्थ्य इस परंपरा में
छठ पर्व कार्तिक मास की षष्ठी तिथि (छठ) को मनाया जाता है। षष्ठी तिथि एक विशेष खगोलीय अवसर होता है। इस समय सूर्य की पराबैंगनी किरणें पृथ्वी की सतह पर सामान्य से अधिक मात्रा में एकत्र हो जाती हैं। उसके संभावित कुप्रभावों से रक्षा करने का सामर्थ्य इस परंपरा में रहा है। इस पर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। कहते हैं कि इन दोनों समय सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान इसकी रोशनी के प्रभाव में आने से, कोई भी चर्म रोग नहीं होता और इंसान निरोगी रहता है। साथ ही नेत्रों की ज्योति भी बढ़ती है। 

बिहार से मंगाए पूजा के सामान
मार्केट में छठ पूजा से संबंधित सामानों के अलावा, साज-श्रृंगार के समानों की बिक्री में तेजी आई है। महिलाओं में काफी उत्साह है।  हमने कुछ महिलाओं से इस व्रत के बारे में बातें कीं। उन्होंने बताया कि छठ पूजा हमारे लिए विशेष है। पूजा के लिए लगने वाले दउरा, सूप, कलश, दीए, कोशी आदि के दामों में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है। कुछ घरों में इसे बिहार से मंगाया गया है। 

सूप, डाला बिहार से मंगाया
छठ पूजा में सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए सूप व डाला की जरूरत होती है। बाजार में कई तरह के सूप और डाला उपलब्ध हैं। इन वस्तुओं को दुकानदारों ने विशेष रूप से बिहार से मंगवाया है। 
निकिता देवी,नंदनवन

शादी के बाद पहली छठ पूजा
शादी के बाद यह मेरी पहली छठ पूजा है। परिवार में जिस तरह छठ पूजा करने की प्रथा चली आ रही है, उसी प्रथा को निभाते हुए मैं भी यह व्रत करने वाली हूं और छठ मैया से परिवार की सुख-शाति, खुशियों की प्रार्थना करूंगी।
सीमा सिंह, शांति नगर

Created On :   12 Nov 2018 8:02 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story