चिदंबरम बोले- GST में अब भी ढेरों खामियां, किसी की सलाह नहीं ले रही सरकार
- GST को इस देश पर जबरदस्ती थोपा गया है।
- गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के एक साल पूरे होने पर रविवार को विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर जमकर हमला बोला।
- कांग्रेस ने GST को मासूम जनता पर मनचाहा बोझ बताया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के एक साल पूरे होने पर रविवार को विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस ने GST को मासूम जनता पर मनचाहा बोझ बताया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इसे बेवजह बताते हुए कहा कि इससे बिजनेस से जुड़े लोगों पर दबाव आया है और उनकी आमदनी भी कम हो गई है। उन्होंने कहा कि GST से कुछ सामानों की दरों में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है और साथ-साथ इसपर मनचाहे सेस ने GST के विचार को पूरी तरह से विकृत कर दिया है। सच यही है कि GST को इस देश पर जबरदस्ती थोपा गया है।
जीएसटी में बहुत सारी कमियां
चिदंबरम ने कहा कि मैं यह समझने में असफल हूं कि प्रधानमंत्री मोदी कैसे उस चीज की सालगिरह मना सकते हैं, जिसने देश की जनता को परेशान करके रखा है। उन्होंने कहा कि GST की डिजाइन, स्ट्रक्चर, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रेट्स और इसके इंप्लिमेंटेशन में बहुत कमियां है। इसकी वजह से GST व्यापारियों, ट्रेडर्स और आम नागरिकों के बीच एक बुरा शब्द बन कर रह गया है।"
सरकार पर मनमानी का लगाया आरोप
चिदंबरम ने सरकार पर मनमानी और किसी की सलाह नहीं लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जीएसटी बिलों के कई पहलुओं पर मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम की सलाह को नजरअंदाज कर दिया। विशेष रूप से वस्तुओं की दरों पर उनकी सलाह को नहीं माना गया और नतीजा है कि यह GST वास्तविक नहीं है।
30 जून की मध्यरात्री से जीएसटी हुआ था लागू
गौरतलब है कि GST को प्रधानमंत्री मोदी और तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 30 जून को मध्यरात्रि में लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य सभी टैक्सों को "वन नेशन - वन टैक्स - वन मार्केट लक्ष्य" के आधार पर एक ही समेटने का था। हालांकि, छोटे व्यापारियों और SMEs पर नकारात्मक प्रभाव के लिए विपक्ष GST के लिए सरकार को कई मौकों पर घेर चुकी है।
Created On :   1 July 2018 1:28 PM GMT