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मराठा संगठनों ने दी थी धमकी, सीएम फडणवीस नहीं जाएंगे पंढरपुर के विट्ठल मंदिर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। इस साल सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पत्नी अमृता फडणवीस के साथ अपने निवास पर ही विठ्ठल पूजा की। सीएम ने ट्विटर पर इसकी तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए हैं। दरअसल आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मराठा समाज के संगठनों की धमकी के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस आषाढ़ी एकादशी पर सोमवार मध्यरात को पंढरपुर के विट्ठल मंदिर में शासकीय पूजा के लिए नहीं पहुंचे। महापूजा को लेकर इस समूह ने सीएम फडणवीस के दौरे को रोक लगाने कहा था। महाराष्ट्र में आज पवित्र पंढरपुर यात्रा का समापन हो रहा है. इस मौके पर करीब 12 लाख श्रद्धालु भगवान विट्ठल के दर्शन के लिए पंढरपुर पहुंचे हैं।
राज्यातील बळीराजा सुखी होऊ दे, सकलांच्या सर्व मनोकामना पूर्ण होऊ दे, महाराष्ट्राच्या यशाची पताका अशीच उंच फडकू दे, अशी मनोभावे प्रार्थना केली.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 22, 2018
येथ म्हणे श्री विश्वेशराओ । हा होईल दान पसावो ।
येणें वरें ज्ञानदेवो । सुखिया जाहला ॥ pic.twitter.com/ytciaCSD4A
आज काही कारणांमुळे प्रत्यक्ष पंढरपुरात माऊलीचे पूजन करता आले नाही.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 22, 2018
पण, वर्षा या शासकीय निवासस्थानी सपत्नीक, कुटुंबीयांसह मनोभावे, भक्तीभावे विठोबा-रखुमाईच्या त्याच मूर्तीचे पूजन केले.
दुरितांचे तिमिर जावो । विश्व स्वधर्म सूर्ये पाहो ।
जो जे वांच्छिल तो तें लाहो । प्राणिजात ॥ pic.twitter.com/OYaX3mekCH
इससे पहले रविवार को पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने यह जानकारी दी कि वह पंढरपुर में विट्ठल मंदिर में दर्शन के लिए 10 लाख वारकरी (भक्तों) की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूजा में नहीं जाएंगे। सीएम फडणवीस ने कहा, "महाराष्ट्र में पंढरपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों की वारी परंपरा 700 साल पुरानी है। मैं पिछले 3 सालों से वहां जा रहा हूं। लेकिन कुछ समूह ने इसका विरोध करे रहे है, उनका पक्ष गलत है, अगर मैं 12 लाख तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा हूं, तो मैं वहां नहीं जाऊंगा।"
फडणवीस ने कहा कि मराठा समाज के कुछ संगठनों ने भूमिका ली है कि वह सीएम को विट्ठल मंदिर में पूजा नहीं करने देंगे। इन संगठनों ने मराठा आरक्षण का फैसला होने तक राज्य सरकार की तरफ से 72 हजार पदों पर की जाने वाली भर्ती को रोक लगाने की मांग की है। लेकिन उनकी यह भूमिका गलत है। क्योंकि सरकार ने साफ कहा है कि जितने पदों पर बहाली होगी उसमें से 16 प्रतिशत जगह मराठा समाज के लोग छोड़ दी जाएगी। मराठा आरक्षण के संबंध में सरकार की भूमिका स्पष्ट है। आरक्षण को लेकर सरकार ने राज्य पिछड़ा आयोग का गठन किया है। आरक्षण पर फैसला अदालत को करना है।
सीएम ने कहा कि मुझे जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। मुझे कोई हाथ नहीं लगा सकता है लेकिन यदि वारकरियों की जीवित हानि हुई तो महाराष्ट्र को कभी कोई माफ नहीं करेगा। सीएम ने कहा कि मुझे पर पत्थर फेंक कर यदि किसी को मराठा आरक्षण मिलता है तो मैं इसके लिए तैयार हूं। लेकिन आरक्षण अभी संभव नहीं है। आरक्षण पर फैसला अदालत को करना है।
The decision pertaining to Maratha reservations will only be taken by the High Court. We will not harm the future of Maratha youths: Maharashtra CM Devendra Fadnavis pic.twitter.com/KAMSWRLoHS
— ANI (@ANI) July 22, 2018
फडणवीस ने कहा, पुलिस ने मैसज ट्रैप किया है। जिसमें वारकरियों में सांप छोड़ने और भगदड़ की स्थिति पैदा करने की बात कही गई है। इस तरह की योजना बनाना एकदम गलत है। प्रगतिशील महाराष्ट्र के लिए लज्जास्पद है। सीएम ने कहा कि वारकरियों को बंधक बना करके इस तरह की मांग करना उचित नहीं है। ऐसे लोग छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिक हो ही नहीं सकते हैं।
सीएम के फैसले का प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने स्वागत किया है। महाजन ने कहा कि लाखों वारकरी यहां पर आए हुए हैं। इसलिए अप्रिय घटना को टालने के लिए सीएम ने सही कदम उठाया है।
गौरतलब है कि आषाढ़ी एकादशी के दिन पंढरपुर के विट्ठल मंदिर में हर साल सीएम के हाथों शासकीय पूजा होती है। भगवान विट्ठल के सेवक के रूप में पूजा का मान सीएम को दिया जाता है। बीते कई सालों से यह परंपरा चली आ रही है। केवल 5 से 6 बार यह परंपरा खंडित हुई है।
Created On :   22 July 2018 12:36 PM GMT