राज्य के हर जिले में बनेगा दुष्कर्म पीड़ित बच्चों की गवाही के लिए केंद्र

Child friendly court will be set up in every district of state for rape victims
राज्य के हर जिले में बनेगा दुष्कर्म पीड़ित बच्चों की गवाही के लिए केंद्र
राज्य के हर जिले में बनेगा दुष्कर्म पीड़ित बच्चों की गवाही के लिए केंद्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में राज्य के पहले बाल सुलभ अदालत के निर्माण के बाद प्रदेश के हर जिले में दुष्कर्म का शिकार हुए बच्चों की गवाही के लिए अलग केंद्र बनाए जाएंगे। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए 33 करोड़ रुपए मंजूर किए है। पहले मुंबई सत्र न्यायालय में बाल सुलभ अदालत बनाई जाएगी। यहां के दो कमरों को जल्द ही अदालत का रुप दिया जाएगा। इसका स्वरुप पूरी तरह से बच्चों के अनुकूल होगा। ताकि वे बिना किसी दबाव व खौफ के सहज माहौल में कोर्ट को अपनी बात बता सकें।

उन्होंने कहा कि बाल सुलभ कोर्ट व जिला स्तर पर गवाही के लिए बनने वाले केंद्रो में एेसी व्यवस्था की जाएगी जिससे आरोपी व गवाह एक दूसरे का चेहरा नहीं देख सकेगे। इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि जब एक मॉडल बाल सुलभ कोर्ट बन जाएगा तो दूसरे जिलों में भी ऐसा कोर्ट बनाने में असानी होगी। उन्होंने कहा कि बाल सुलभ कोर्ट बनाने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि दुष्कर्म व दूसरे अपराधों के शिकार बच्चे को ऐसा माहौल दिया जाए जहां वे बेहिचक अपनी बात कोर्ट के सामने कह सके। अदालत ने कहा कि इन अदालतों में जरुरत पड़ने पर वयस्कों की भी गवाही हो सकेगी।

गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को बाल सुलभ अदालत बनाने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने इस निर्देश का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को ऐसी अदालत बनाने का निर्देश दिया है। यहां पर मुख्य रुप से पास्को व बाल न्याय कानून के तहत मामले चलाए जाएंगे। हाईकोर्ट ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई 6 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।

Created On :   2 Oct 2018 12:58 PM GMT

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