मानव तस्करी : भागलपुर एक्सप्रेस से उतारे गए 15 नाबालिग बच्चे

Child trafficking in bhagalpur express, 15 minor children
मानव तस्करी : भागलपुर एक्सप्रेस से उतारे गए 15 नाबालिग बच्चे
मानव तस्करी : भागलपुर एक्सप्रेस से उतारे गए 15 नाबालिग बच्चे

डिजिटल डेस्क, सतना। मानव तस्करी की आशंका के चलते पिछली रात भागलपुर एक्सप्रेस से उतारे गए 15 नाबालिग बच्चों को उनके अभिभावकों के आने तक रीवा के हरि आश्रय गृह में रखा जाएगा। बुधवार को चाइल्ड लाइन ने सभी नाबालिग बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ. शैला तिवारी के समक्ष पेश किया। यहां बच्चों की गहनता से काउंसलिंग की गई। कई बच्चों ने अध्यक्ष को बताया कि वो मुम्बई के एक मदरसा में तालीम हासिल करते हैं और पाक रमजान की छुट्टियों में अपने घर बिहार के पूर्णिया जिला अंतर्गत सेहालो गांव गए थे। बच्चों को फिलहाल विशेष किशोर पुलिस इकाई के संरक्षण में रीवा के आश्रय गृह भेज दिया गया है। अब इन्हें इनके अभिभावकों के सुपुर्द ही किया जाएगा। घटनाक्रम पर पीएचक्यू की स्पेशल ब्रांच भी नजर बनाए हुए है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, भागलपुर चाइल्ड लाइन इकाई ने सतना के चाइल्डलाइन को इस बात का इनपुट दिया कि भागलपुर एक्सप्रेस में 15 नाबालिग बच्चों की तस्करी कर उन्हें मुम्बई ले जाया जा रहा है। इस इनपुट के बाद स्थानीय चाइल्डलाइन हरकत में आ गई और स्टेशन में जाकर जीआरपी, आरपीएफ की मदद से ट्रेन में बैठे 15 नाबालिग और एक बालिग बच्चे को सतना रेलवे स्टेशन पर उतार लिया गया। सूत्रों का कहना है कि इन बच्चों के साथ 3 और युवक थे जो पुलिस की दबिश देखकर भाग खड़े हुए थे। असलम नाम के शख्स को आरपीएफ के सुपुर्द करते हुए बाकी बच्चों को चाइल्ड लाइन अपने साथ ले गई। पूछताछ में पता चला कि सभी बच्चे मुम्बई के एक मदरसा में तालीम हासिल करते हैं।

बच्चों की हुई काउंसलिंग

जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ. शैला तिवारी और चाइल्ड लाइन की डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर अलका सिंह ने सभी नाबालिग बच्चों की काउंसलिंग की। अधिकांश बच्चों ने बताया कि वो मुम्बई के एक मदरसा में तालीम हासिल करते हैं और रमजान की छुट्टियों में अपने गांव गए थे। मगर चाइल्ड लाइन को असलम के पास से ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला जिससे यह पुष्टि हो सके कि बच्चे वाकई किसी मदरसे में तालीम हासिल करते हैं। लिहाजा मोबाइल के जरिए उनके अभिभावकों से सम्पर्क साधा गया। अभिभावकों ने भी बच्चों के मदरसा में तालीम दिलाने की पुष्टि की।

राशन कार्ड से होगी पहचान

सभी बच्चों को अब उनके अभिभावकों के सुपुर्द किया जाएगा। सेम्पल के तौर पर जिला बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन ने 4 बच्चों के अभिभावकों से बात की। चूंकि 14 बच्चे एक ही गांव के हैं सो सभी अभिभावकों को सूचना दी गई है कि वो अपना-अपना राशन कार्ड साथ जरूर लाएं जिसमें संबंधित बच्चे का नाम दर्ज हो। या फिर गांव के मुखिया का सत्यापन पत्र होना चाहिए। 

समाजसेवियों को लौटाया

बच्चों को अपने खर्च पर मुम्बई मदरसा भेजने की बात को लेकर दो समाजसेवी यासीन कुरैशी और जाकिर कुरैशी जिला बाल कल्याण समिति के दफ्तर पहुंचे। उन्होंने अध्यक्ष ने कहा कि वो बच्चों को अपने सुपुर्दगी में लेना चाहते हैं और स्वयं के खर्च से उन्हें मुम्बई भेज देंगे मगर समिति की अध्यक्ष डॉ. तिवारी ने नियमों का हवाला देते हुए दो टूक मना कर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके परिजनों को ही सौंपा जाएगा।
 

Created On :   4 July 2019 8:56 AM GMT

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