रिश्तेदारों ने बच्चों को किया चोरी के लिए ट्रेंड, पकड़े गए तो हुआ खुलासा

Children had trained for theft by relatives, police exposed case
रिश्तेदारों ने बच्चों को किया चोरी के लिए ट्रेंड, पकड़े गए तो हुआ खुलासा
रिश्तेदारों ने बच्चों को किया चोरी के लिए ट्रेंड, पकड़े गए तो हुआ खुलासा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देखने में बच्चे, लेकिन चोरी करने में ट्रेंड। पल में मोबाइल, पर्स गायब कर दें किसी को कुछ पता भी न चले। ये कोई साधारण बच्चे नहीं, बल्कि रिश्तेदारों द्वारा प्रशिक्षत किए गए ऐसे बच्चे हैं, जो शहर के विभिन्न बाजार-पेठ में मोबाइल, पर्स गायब कर रफू-चक्कर हो जाते हैं। शहर पुलिस भी इस तरह की चोरी की बढ़ती शिकायतों से परेशान थी। आखिर इनमें से 3 बच्चे शुक्रवार को एमआईडीसी पुलिस के हाथ लग गए, जिनसे 73 हजार रुपए के 6 मोबाइल बरामद किए गए। ये बच्चे अंतरराज्यीय गिरोह के हैं। बिहार राज्य के िनवासी बताए गए हैं। इन्हें इनके चाचा, मामा आदि रिश्तेदारों ने ही चोरी करने का प्रशिक्षण दिया है। इनके पकड़े जाने की भनक लगते ही गिरोह के सदस्य फरार हो गए। इन्होंने रामटेके नगर में अपने रहने का ठिकाना बना रखे थे। एमआईडीसी थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है।

मिली थी गुप्त सूचना

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जिन तीन बच्चों को हिरासत में लिया गया है, उनकी उम्र 13 से 14 वर्ष के करीब है। ये बच्चे बिहार के हैं। गत एक-डेढ महीने से वह अपने रिश्तेदारों के साथ अजनी थाने की हद में रामटेके नगर में निवासरत थे। कुछ दिनोें से शहर के विविध बाजार-पेठ से लोगों के मोबाइल और पर्स चोरी होने की शिकायतें शहर पुलिस को बड़े पैमाने पर मिल रही थीं। राजीव नगर निवासी विकास मानिकराव कडु (21) का कीमती मोबाइल बाजार में चोरी होने की शिकायत एमआईडीसी थाने में दर्ज कराई गई है। जब प्रकरण दर्ज किया जा रहा था, तभी पुलिस को गुप्त जानकारी िमली कि राजीव नगर में सड़क किनारे 3 बच्चे औने-पौने दाम पर कीमती मोबाइल बेच रहे हैं। पुलिस ने सादे लिबास में तुरंत परिसर को घेर लिया और हिरासत में लेकर बच्चों से पूछताछ की। तलाशी के दौरान उनसे 6 कीमती मोबाइल िमले हैं, जिसकी कीमत 73 हजार रुपए बताई गई है।

नए शहर में नहीं जानते बाजारों के नाम

पूछताछ में बच्चों ने पुलिस को बताया कि गत एक-डेढ महीने से वह नागपुर में अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं। उन्होने शहर के विविध बाजारों में जाकर भीड़ में मौका िमलते ही लोगों के मोबाइल और पर्स चोरी िकए हैं। यह शहर उनके लिए नया होने से उन्हें बाजारों के नाम नहीं मालूम हैं। मोबाइल चोरी करने के बाद वहीं पर किसी को सस्ते दाम पर थमा देते थे। इन्होंने नागपुर के अलावा अन्य शहरों में भी यह काम किया है। बालकों से िमली जानकारी के आधार पर पुलिस ने उनके रामटेके नगर स्थित टोली पर छापा मारा, लेकिन पुलिस के हाथ लगने के पहले ही वे फरार हो चुके थे। उनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

प्रशिक्षण देने वाले चाचा, मामा

पुलिस निरीक्षक भारत क्षिरसागर ने बताया कि बच्चों को उनके ही चाचा, मामा आदि रिश्तेदारोें ने चोरी का प्रशिक्षण दिया है। प्रशिक्षित होने के बाद बालकों को चोरी के काम में लगा दिया जाता है। विविध शहराें के बाजारों में ले जाकर उन्हें छोड़ दिया जाता है और चोरी करने के लिए कहा जाता है। चोरी िकया हुआ मोबाइल वहीं के वहीं बेचने से इस िगरोह के सदस्य पुलिस के हाथ नहीं लग रहे थे। पहली बार वे पुलिस के हाथ लगे हैं। उपायुक्त विवेक मसाल, सहायक उपायुक्त सिद्धार्थ शिंदे, निरीक्षक भारत क्षिरसागर के नेतृत्व में उपनिरीक्षक अजय जाधव, स्वप्निल बरडे, नितीन बोबडे, मंगेश गवई, रोशनी आदि जांच कर रहे हैं।

Created On :   19 July 2019 4:50 PM GMT

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