चीनी सेना के 90 साल, जवानों को युद्ध के लिए तैयार रहने निर्देश
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीनी सेना 1 अगस्त को अपनी 90वीं सालगिरह मनाने जा रही हैं। इसके ठीक दो दिन पहले चीन ने परेड के जरिए अपना दम-खम दुनिया को दिखाया। रविवार सुबह उत्तरी चीन के झुर्येई ट्रेनिंग बेस में एक सैन्य परेड का आयोजन किया गया। 1000 वर्ग किलोमीटर से अधिक कवर करने वाला झुर्येई एशिया का सबसे बड़ा ट्रेनिंग बेस है।
चीन बनाएगा स्पेशल फोर्स
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय समिति के जनरल सचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष ने सैनिकों का निरीक्षण किया और भाषण दिया। जिनपिंग ने पीएलए से मुकाबला करने की तैयारी बढ़ाने और युद्ध को ध्यान में रखते हुए एक स्पेशल फोर्स बनाने का आग्रह किया।
चीन और भारत में डोकलाम सीमा पर जारी गतिरोध के बीच चीन सेना की 90वीं सालगिरह को पूरी तरह से भुना रहा है। उसने अपने सैनिकों को युध्द के लिए तैयार रहने के लिए कहा है और सिक्कम सीमा के डोकलाम पर सेना की तैनाती बढ़ाने की बात कही है।
सीमा पर सेना बल बढ़ाने की तैयारी
राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने कहा कि पिछले 90 सालों में पीएलए का इतिहास संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हमारे संकल्प, क्षमता को साबित करता है। पीएलए ने ये भी कहा था कि इस घटना के जवाब में एक "इमर्जेंसी एक्शन" के तौर पर क्षेत्र में और अधिक चीनी सेना उतार सकती है। इसके साथ ही वरिष्ठ कर्नल वू कि़आन ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता से डोकलाम पठार पर चीन के सड़क निर्माण का पक्ष भी रखा।
इससे पहले चीनी सेना भारत सीमा से सटे तिब्बत के इलाके में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास करती देखी गई थी। इतना ही नहीं चीनी मीडिया ने इस घटना का वीडियो जोर-शोर से प्रचारित किया था।
चीनी मीडिया ने कहा हमारी सेना कश्मीर में घुस जाएगी। वहीं चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गुरूवार को लिखा था कि डोकलाम का मसला चीन-भूटान सीमा विवाद है। इसमें भारत को तीसरे पक्ष के रूप में दखल देने का कोई हक नहीं है। अखबार ने दावा करते हुए लिखा है कि उसके कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक भूटान को ये पता नहीं भी था कि भारत ने उस इलाके में घुसपैठ कर रखी है।
Created On :   30 July 2017 5:19 AM GMT