नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग को लेकर विधानपरिषद में भिड़े मंत्री और सदस्य

Clash between Minister and MLA in Maharashtra assembly
नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग को लेकर विधानपरिषद में भिड़े मंत्री और सदस्य
नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग को लेकर विधानपरिषद में भिड़े मंत्री और सदस्य

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नागपुर–मुंबई समृद्धि महामार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर विधान परिषद में जोरदार हंगामा हुआ। सदन में राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य सुनील तटकरे और राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट आपस में भिड़ गए। तटकरे ने कहा कि बीते दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार से किसान मिले थे। पवार को किसानों ने बताया कि समृद्धि महामार्ग को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का विरोध है, जबकि सदन में राज्य के MSRDC मंत्री एकनाथ शिंदे समृद्धि महामार्ग का समर्थन कर रहे हैं। परियोजना को लेकर शिवसेना दोहरी भूमिका कैसे अपना सकती है।

इस पर सदन में मौजूद मंत्री बापट ने कहा कि उद्धव को कुछ बोलना होगा तो वे अपने मंत्री शिंदे से बोलेंगे। उद्धव पवार से क्यों कुछ कहने जाएंगे। इसके जवाब में तटकरे ने कहा कि मंत्री बापट मेरी बातों का गलत मतलब निकाल रहे हैं। बापट जो कह रहे हैं, यदि मैंने वह बात कही होगी तो मैं सदन कि सदस्यता से इस्तीफा दे दूंगा। बापट सदन को गुमराह कर रहे हैं। सदन में कांग्रेस सदस्य संजय दत्त ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए महामार्ग के लिए किसानों से जबरन भूमि अधिग्रहण का मुद्दा उठाया था। इस दौरान MSRDC मंत्री शिंदे ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और राज्य सरकार की भूमिका एक समान है। शिवसेना प्रमुख ने कहा है कि किसानों पर अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। सरकार भी बार-बार यही कह रही है कि किसानों के सहयोग से परियोजना का काम पूरा किया जाएगा।

केवल 5 फीसदी किसान भूमि देने तैयार

इस पर तटकरे ने कहा कि सरकार केवल चार से पांच प्रतिशत किसानों की जमीन हासिल करके दावा कर रही है कि सभी किसानों ने परियोजना के लिए सहमति दे दी है। सरकार को बताना चाहिए कि इगतपुरी, सिन्नर, शहापुर, कोपरगांव तहसील में कितने किसानों ने भूमि देने पर सहमति जताई है। इस सवाल पर मंत्री शिंदे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।

किसानों को मिल रहा 25 फीसदी अधिक मुआवजा

इससे पहले कांग्रेस सदस्य दत्त ने कहा कि सरकार को वर्ष 2013 के कानून के अनुसार किसानों को भूमि अधिग्रहण का मुआवजा बाजार भाव से पांच गुना अधिक के आधार पर देना चाहिए। इसके जबाव में मंत्री शिंदे ने कहा कि सरकार रेडिरेकनर के आधार पर पांच गुना मुआवजा दे रही है। यह मुआवजा बाजार भाव वाले मुआवजे से 25 प्रतिशत ज्यादा है। शिंदे ने कहा कि महामार्ग के लिए सरकार किसानों से जबर्दस्ती जमीन नहीं लेगी। किसानों कि सहमति के बिना महामार्ग के काम को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

Created On :   1 Aug 2017 6:35 PM GMT

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