बरगवां कोलयार्ड में चल रहा कोयले में राख मिलाने का खेल

Coal ash burning game in Bargawan Coliard
बरगवां कोलयार्ड में चल रहा कोयले में राख मिलाने का खेल
बरगवां कोलयार्ड में चल रहा कोयले में राख मिलाने का खेल

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (बरगवां)। बरगवां कोलयार्ड कोयले में राख, पत्थर और जला हुआ कोयला मिलाने का गोरखधंधा चलाया जा रहा है। पमरे जबलपुर के अंतर्गत आने वाले बरगवां रेलवे स्टेशन यार्ड पर हर रात दर्जन भर बंद गाडिय़ां कोयले का चूर्ण, राख और जला हुआ कोयला लेकर आती हैं और उसे अनलोड कर यहां पर पहले से जमा कोयला भरकर ले जाते हैं। ऐसा भी नहीं कि यह खेल सिर्फ कुछेक ट्रांसपोर्टर्स तक ही सीमित है, सूत्रों की मानें तो यह खेल कोयले की उन मंडियों से संचालित किया जा रहा है जहां पर गुणवत्तायुक्त कोयले को ऊंचे दामों पर खपाया जा रहा है। उसके बदले में राख और उड़ीसा से आने वाला आइरन ओर व कारखानों से निकला हुआ केमिकलयुक्त मलवा मिश्रित किया जा रहा है। अरसे से चल रहे खेल से करोड़ों रूपये बनाने वाले ट्रक मालिक, ट्रक चालक और कुछेक ट्रांसपोर्टर्स इस काले कारोबार से कोलयार्ड से लगे गांव के लोगों की जान भी खतरे में डाल रहे हैं। कोयला मिक्ंिसग की इस कारगुजारी से कोलयार्ड से लेकर आसपास दम घोटने वाली गैसें उड़ रही हैं। जिससे लोगों में श्वांस संबंधी रोग, आंखों में जलन, खांसी और सीने में दर्द होने, आवाज में कमी, गला रूंधने और चर्मरोग जैसी समस्याएं हो रही हैं। 
ग्रामीण भुगत रहे खामियाजा
क्षेत्रीय संजय नामदेव, मिथलेश तिवारी, जमुना वैश्य, शंकर वैश्य, पारस वैैैश्य, राम रक्षा बियार, शम्भू प्रसाद कहार, मनोज वैश्य, रमेश नामदेव, रामभजन बियार, शीतल प्रसाद का कहना है कि यहां से न तो कोलयार्ड हटाया गया और न ही सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध किये गये हैं। रेलवे में कोयला लोड करने के साथ-साथ भारी प्रदूषण किया जा रहा है। कोयले में मिक्ंिसग के दौरान भारी मात्रा में कोलडस्ट उड़ रही है। कोयला क्रङ्क्षसग के नाम पर पहले से ही यहां पर भारी प्रदूषण है अब ट्रांसपोर्टर्स ने नया कारनामा शुरू किया है जिसका खामियाजा स्थानीय ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है।
संचालित है रैकेट
सूत्रों की मानें तो कोयले की अदला बदली के खेल में यूपी बार्डर के अनपरा, मोरवा से बरगवां कोलयार्ड तक एक सुनियोजित रैकेट सक्रिय है। जिसके द्वारा किराये की बॉडी गाडिय़ों, निजी ट्रकों से इस यार्ड को कोयला ले जाने और वापसी में कोल डस्ट, कोल ऐश और केमिकलयुक्त मलवा लाकर मिक्स कराया जा रहा है। जिसमें बरगवां कोलयार्ड में सक्रिय कोयला कारोबारी सहित पुलिस तंत्र भी शामिल बताया जा रहा है। कोयले के इस करोबार को रात के अंधेरे में किया जा रहा है जहां पर हर रात दर्जन भर बॉडी ट्रकों का आना-जाना देखा जा सकता है। वर्ना रेलवे के इस कोलयार्ड में बॉडी बंद ट्रकों को क्या काम है। जहां पर डम्पर के जरिए कोयला परिवहन किया जा रहा है।
मिलावट और तस्करी साथ-साथ
सूत्रों का कहना है कि बरगवां के कोलयार्ड से कोयला तस्करी और मिलावट का खेल साथ-साथ जारी है। एक तरफ जी-7 क्वालिटी के कोयले को मंडियों में पहुंचाया जा रहा है तो दूसरी तरफ  घटिया कोयला और डस्ट स्पंज आइरन का चूर्ण मिलाकर कोल यार्ड में खपाया जा रहा है। इस खेल में रेलवे के कर्मचारियों, आरपीएफ भी शामिल होना बताया जा रहा है। भारी पैमाने पर चल रहे मिलावट के इस खेल से हो रहे प्रदूषण को लेकर स्थानीय लोगों ने कार्रवाई की मांग की है।
 

Created On :   6 Nov 2019 9:29 AM GMT

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