डेढ़ हजार लोगों पर रोजी रोटी का संकट, लीज समाप्त होने से खदानें बंद

Coal mines closed due to lease expire in umaria district mp
डेढ़ हजार लोगों पर रोजी रोटी का संकट, लीज समाप्त होने से खदानें बंद
डेढ़ हजार लोगों पर रोजी रोटी का संकट, लीज समाप्त होने से खदानें बंद

डिजिटल डेस्क, उमरिया। नगर से करीब 1 किमी दूर स्थित चपहा उमरिया कोयला खदान लीज समाप्त होने के कारण पिछले 20 दिनों से बंद पड़ी है। जिससे यहां का कोयला उत्पादन तो बंद ही है डेढ़ हजार कर्मचारियों व श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट भी उत्पन्न हो रहा है। कालरी प्रबंधन का कहना है कि कालरी लीज समाप्त होने के संबंध में कलेक्टर के पत्र के बाद कालरी बंद कर दी गई है। जबकि जिला प्रशासन  का कहना है कि कालरी  की लीज 6 माह पूर्व प्रबंधतंत्र को रिन्यू कराना था। लेकिन उसके लिए कालरी प्रबंध तंत्र द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया। अभी भी प्रक्रिया करके खदान चालू कराई जा सकती है। खदान की लीज नवंबर 2015 में समाप्त हो गई थी। जिसे कलेक्टर ने अपने अधिकार से दो साल की अनुमति दी इसके बाद 6 माह और एक्सटेंशन दिया था। इसके बावजूद रिन्यू कराने की प्रक्रिया नहीं की गई।

केन्द्र सरकार द्वारा सन् 2030 में होगा रिन्यू
कालरी प्रबंधन ने बताया कि चपहा के साथ कई अन्य खदाने भी हैं। जिन्हे केन्द्र सरकार द्वारा एक साथ 2030 में रिन्यू कराया जाएगा।  इसके अलावा यह भी बताया गया कि लीज नवीनीकरण के लिए सन् 2014 में प्रक्रिया की गई थी। लेकिन शासन की ओर से अभी तक कोई मार्गदर्शन नहीं मिला है। यहां लीज के मामले को लेकर संकट की स्थितियां निर्मित हो गईं हैं।

500 टन रोजाना उत्पादन बंद
कालरी महाप्रबंधक संचालन बीके पोद्दार ने बताया कि चपहा कालरी में रोजाना औसतन 10 लाख रुपए मूल्य का कोयला उत्पादन हो रहा था। जो कि पूरी तरह से बंद पड़ा है। इससे सरकार की 3 करोड़  रुपए महीने की आर्थिक क्षति हो रही है। इसके अलावा  कर्मचारियों तथा श्रमिकों के सामने विषम परिस्थितियां निर्मित हो रहीं हैं। लीज का आवंटन और नवीनीकरण का कार्य केन्द्र सरकार ही कर सकती है।

डेढ़ हजार कर्मचारी व वर्कर क्या करेंगे?
चपहा खदान के बंद होने से जहां उत्पादन प्रभावित हो गया है वहीं डेढ़ हजार कर्मचारी और श्रमिकों की रोजी रोटी पर सवालिया निशान लग गया है। यहां 7 सौ की संख्या में नियमित कर्मचारी कार्यरत थे। जिन्हे प्रबंधतंत्र द्वारा इधर-उघर अन्य आफिसों में  भेजा जा रहा है। दर्जनों कर्मचारी भेजे जा चुके हैं और अभी शेष लोगों के लिए विचार विमर्श चल रहा है। इतने सारे कर्मचारी आखिर कहां और किन पदों पर भेजे जाएंगे? इसके अलावा जो दैनिक वेतन पर तथा  जो रोजाना कलेक्टर रेट के कर्मचारी आदि थे उनका  क्या होगा कोई निर्णय नही लिया जा रहा है। सबकी आय बंद हो गई है। इन कर्मचारियों के अलावा  यहां  निजी वाहनों व दूकानदारों की आय भी समाप्त हो गई है। सबके समाने  समस्या निर्मित हो गई है। जबकि प्रबंधतंत्र कालरी चालू कराने का प्रयास करता दिखाई नहीं दे रहा है।

इनका कहना है
प्रक्रिया के बाद भी सरकार से लीज के संबंध में मार्गदर्शन नहंी मिला। व्यवस्था का संचालन सरकार द्वारा ही हो सकता है।
ओ.पी. कटारे, महाप्रबंधक एसईसीएल जोहिला

लीज की प्रक्रिया यदि समय रहते की जाती तो निश्चित रूप से खदान बंद नहीं होती। अभी भी प्रक्रिया कराई जा सकती है और खदान चालू हो सकती है। प्रबंधतंत्र स्वयं उदासीनता बरत रहा है।
माल सिंह, कलेक्टर उमरिया

 

Created On :   4 Jun 2018 9:05 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story